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इंडियन एविएशन मार्केट में होगा ये बड़ा बदलाव, ग्राहकों को मिलेगा फायदा..!

नई एविएशन पॉलिसी लाकर सरकार इंडियन एविएशन सेक्‍टर में नये बदलाव करने जा रही है. एक ओर जहां नये एयरपोर्ट्स से लेकर, हवाई किरायों में कमी की प्‍लानिंग है, तो वहीं छोटे एयरपोर्ट्स को भी एक्‍टिव करने की भी योजना है. खास बात यह है कि एविएशन मार्केट में अब तेजी भी आ रही है और भारत के विमानन बाजाार में नये विमानों की संख्‍या बढ़ने जा रही है. इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिल सकता है. आइए जानते हैं आखिर कौन सा बड़ा बदलाव होने जा रहा है भारतीय विमानन बाजार में.

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इंडियन एविएशन मार्केट में होगा ये बड़ा बदलाव, ग्राहकों को मिलेगा फायदा..!भारत के तेजी से बढ़ते विमानन बाजार में आगामी वर्षो में 800 नए विमान उतरेंगे. भारतीय विमानन बाजार दस प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रहा है. 

स्पाइसजेट, इंडिगो, गोएयर और जेट एयरवेज जैसी विमानन कंपनियों ने 800 नए विमानों के आर्डर की तैयारी की है. इसमें से कुछ आर्डर दिए भी जा चुके हैं. इनमें बड़ी संख्या में छोटे विमान शामिल हैं. फिलहाल भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा 500 विमानों का परिचालन किया जा रहा है. 

बजट एयरलाइन स्पाइसजेट ने कल और आज करीब 60 नए विमानों के लिए शुरआती करार किए हैं. उसकी प्रतिद्वंद्वी इंडिगो ने भी एयरबस को 430 विमानों के आर्डर दिए हैं. 

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ये आर्डर ए 320 नियो विमानों के लिए हैं जिनकी घोषणा 2011 और 2014 में की गई थी. जनवरी, 2017 में गोएयर ने 72 ए 320 नियो विमानों के ऑर्डर दिए थे, जबकि नवंबर, 2015 को पूर्ण सेवा एयरलाइन जेट एयरवेज ने 75 बोइंग 737 मैक्स आठ विमानों का आर्डर दिया था. 

देखा जाए तो एविएशन सेक्‍टर में नई विमानों की खेप का सीधा कनेक्‍शन नई एविएशन पॉलिसी से जुड़ता है. एक ओर जहां नई पॉलिसी के तहत सरकार रीजनल कनेक्विटी को बढ़ावा देगी, वहीं वह 300 बंद पड़े एयरपोर्ट का इस्तेमाल भी शुरू करेगी, जाहिर है इसमें प्राइवेट एविएशन कंपनी को नये विमानों की जरूरत पड़ेगी और इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा.

 

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