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इनकम टैक्स के रडार पर 9.72 लाख लोग, नोटबंदी में आय से ज्यादा नोट किए थे जमा

आयकर विभाग की नजर वैसे 13.33 लाख बैंक खातों पर है, जिसमें नोटबंदी के बाद तीन-चार सप्ताह के दौरान ही 2.89 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि जमा की गई है। इनमें से 35,000 से भी ज्यादा मामलों में ऑनलाइन जानकारी पूछी जा चुकी है। यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी)  की तरफ से आई है। रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट आने के एक दिन बाद ही सीबीडीटी की तरफ से नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुई नकदी की जानकारी साझा की गई। इसमें कहा गया है कि करीब 9.72 लाख लोगों ने नोटबंदी के बाद अपने बैंक खातों में यह भारी भरकम राशि जमा की है।
इनकम टैक्स के रडार पर 9.72 लाख लोग, नोटबंदी में आय से ज्यादा नोट किए थे जमाइसके अलावा एक करोड़ रुपये से अधिक राशि की करीब 14,000 संपत्तियां आयकर विभाग की जांच के दायरे में हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इनके मालिकों ने आयकर रिटर्न दाखिल करना भी गवारा नहीं समझा। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक की तरफ से बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि नोटबंदी के बाद चलन से हटाए गए 500 और 1,000 रुपए के कुल नोटों में से 99 फीसदी हिस्सा बैंक में जमा हो गया है।

सीबीडीटी ने बताया है कि नोटबंदी का प्रभाव काले धन पर जबरदस्त हुआ है। उसके बाद छापेमारी में 158 फीसदी की, जबकि जब्ती की घटनाओं में 106 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यही नहीं, अघोषित आमदनी को घोषित करने के मामलों में भी 38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान सर्वे की घटनाओं में भी 183 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
बयान के मुताबिक ऑपरेशन क्लीन मनी के पहले चरण में 18 लाख संदिग्ध मामलों की पहचान हुई है। इन मामलों का ऑनलाइन वेरीफिकेशन महज चार सप्ताह के रिकार्ड समय में कर लिया गया।

आयकर विभाग का कहना है कि नोटबंदी के कारण रिटर्न दायर करने वालों की संख्या में 25.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

 
 

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