नई दिल्ली: एक परिवार संतान से ही पूरा होता है. ये भी कहा जा सकता है कि संतान सुख दुनिया का सबसे बड़ा और प्यारा सुख है, लेकिन कई लोगों संतान सुख से वंचित रह जाते हैं. संतान सुख को प्राप्त करने के लिए सबसे खास वर्त है संतान सप्तमी व्रत. इस खास विधि से करें पूजा, जरूर मिलेगा संतान सुख
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सप्तमी व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर होता है जो कि इस साल यह 28 अगस्त को किया जाएगा. यह व्रत संतान की चाह, उसकी सलामती और तरक्की के लिए खासतौर पर किया जाता है.
इस दिन सुबह उठकर स्नान करते साफ-सुथरे कपड़े पहनें. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की इसलिए सुबह उठर नहा धोकर शंकर भगवान और मां पार्वती की आराधना करें. इसी के साथ अपने व्रत का आरंभ करें.
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इसके बाद दोपहर को दोपहर को चौक पूरकर उस पर भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ती की स्थापना करें. फिर चंदन, अक्षत, धूप, दीप, नैवेध, सुपारी तथा नारियल से उनकी पूजा करें. वहीं बच्चों की रक्षा के लिए भगवान शिव को कलावा भी चढ़ाया जाता है.
भगवान शिव और मां पार्वती की सच्चे दिल से आराधना करते हुए कथा सुनी जाती है. संतान सप्तमी व्रत के दिन घर में प्रसाद के रूप में खीर-पूरी और गुड़ के पुए बनाये जाते हैं.
इसके बाद शाम को भगवान शिव-पार्वती की पूजा दूप, दीप, फल, फूल से करते हुए खीर-पूरी और गुड़ के पुए का भोग लगाना चाहिए और भगवान शिव की आरती करनी चाहिए.