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इस गांव में व‍िवाह के बाद एक साथ पड़ते हैं पति-पत्नी

एजेंसी/ ludhiyanaschool_03_05_2016लुधियाना। लुधियाना से करीब 10 किमी की दूरी पर स्थित रावत गांव में कई बाल विवाह हुए हैं। यहां के प्राइमरी स्‍कूल में 93 बच्‍चों में से करीब 30 की शादी हो चुकी है। यहां तक कि गांव के प्रधान के पौत्र की शादी भी 14 साल की उम्र में हो गई थी।

इन बच्‍चों में से अधिकांश के माता-पिता पेशे से मोची हैं, या छोटे-मोटे सामान बनाते हैं, कबाड़ का व्‍यापार करते हैं या खेतों में काम करते हैं। बाल विवाह उनकी परंपरा में है और पांच साल के होने तक बच्‍चों की शादी करा दी जाती है।

कुछ मामलों में पति-पत्‍नी एक ही स्‍कूल में और एक ही क्‍लास में पढ़ते हैं। गांव में अधिकांश लड़कियां है, लेकिन उनमें से कई ने स्‍कूल छोड़ दिया है। शादियों का कभी पंजीकरण नहीं होता है। वे अनौपचारिक और कई बार परिवार के मामलों में ही हो जाती हैं।

गीता का 10 साल का भतीजा करन पांचवीं कक्षा में पढ़ता और उसकी अभी हाल ही में शादी हुई है। उसने बताया कि इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं है। लड़की को 18 साल की पूरी होने के बाद ही घर लाया जाता है। इस गांव में रहने वाले ग्रामीण सिरकीबंद जाति के लोग हैं, जो पाकिस्‍तान से भागकर यहां आए थे।

 
 

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