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इस टीम ने दो अंकों के लिए सरेआम नीलाम कर दी अपनी इज्‍जत, इस हरकत के लिए दुनियाभर में हुई थू-थू

क्रिकेट को जेंटलमैन गेम कहा जाता है. लेकिन इस मैच में जो कुछ भी हुआ, उसने इस खेल की मर्यादा को तार-तार करने का काम किया. खेलभावना की सरेआम धज्जियां उड़ाई गईं. इसे किसी भी कीमत पर क्रिकेट तो नहीं कहा जा सकता था. इस खेल को शर्मिंदा करने वाला ये मुकाबला आज ही के दिन यानी 18 अगस्‍त को अपने मुकाम पर पहुंचा. हालांकि मैच की ये मंजिल वो नहीं थी जो होनी चाहिए थी. वजह थी जानबूझकर मैच का नतीजा प्रभावित करने की कोशिश. आइए, आपको बताते हैं इस मैच में आखिर ऐसा हुआ क्‍या था?

दरअसल, साल 1967 में काउंटी चैंपियनशिप (England County Championship) का ये मुकाबला 16 से 18 अगस्‍त तक एजबेस्‍टन में खेला गया. आपस में भिड़ने वाली टीमें थीं वारविकशर और यॉर्कशर (yorkshire vs warwickshire) की. मैच में पहले बल्‍लेबाजी करते हुए यॉर्कशर ने पहली पारी में 238 रन बनाए. इसमें हैंपशर ने 102 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली. उनके अलावा ज्‍यॉफ बायकॉट ने 57 रनों का स्‍कोर बनाया. वारविकशर के लिए ब्राउन, कार्टराइट और एलन ने तीन-तीन विकेट हासिल किए. जवाब में वारविकशर ने पहली पारी में 242 रनों का स्‍कोर बनाया. इसमें डेनिस एमिस ने 53 रन बनाए तो इबादुल्‍ला ने 52 रनों का योगदान दिया. 42 रन स्मिथ ने बनाए और 37 रन निकले एब्‍बेरली के बल्‍ले से. यॉर्कशर के गेंदबाज निकल्‍सन ने छह विकेट लिए.

इसके बाद यॉर्कशर की टीम ने दूसरी पारी में 145 रन बनाए. पैजेट ने 37 रन बनाए तो इलिंगवर्थ ने 32 रन का योगदान दिया. बिंक्‍स ने 25 रन बनाए. वारविकशर की ओर से तीन गेंदबाजों ने यॉर्कशर की पूरी टीम को समेटने का काम किया. कुक और कार्टराइट ने चार-चार विकेट हासिल किए तो ब्राउन ने दो बल्‍लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई. ऐसे में वारविकशर को जीत के लिए 142 रन का लक्ष्‍य मिला. ब्रायन क्‍लोज की कप्‍तानी वाली यॉर्कशर की टीम ने वारविकशर को लक्ष्‍य हासिल करने से रोकने के लिए घटिया चाल चली.

टीम ने मैदान पर जानबूझकर वक्‍त बर्बाद किया जिससे अंत में वारविकशर की टीम लक्ष्‍य से सिर्फ 9 रन दूर रह गई. जब मैच ड्रॉ घोषित किया गया तब वारविकशर ने 24 ओवर में 5 विकेट खोकर 133 रन बना लिए थे. इस मैच के बाद डेली टेलीग्राफ ने लिखा, यॉर्कशर ने सिर्फ दो अंकों के लिए अपनी प्रतिष्‍ठा का बलिदान कर दिया. इस मैच के तुरंत बाद ही मैच के आखिरी घंटे में निम्‍नतम ओवरों की संख्‍या का नियम बना दिया गया.

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