ज्ञान भंडार

इस बार काली दीपावली मनाएंगे किसान

black_diwali_20161028_103237_28_10_2016खंडवा। प्याज की फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने से आर्थिक संकट झेल रहे किसान इस बार काली दीपावली मनाकर प्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे। प्याज का लागत मूल्य तक नहीं निकलने से नाराज जिले के किसान खेतों में खड़ी फसल पशुओं को खिलाने को मजबूर हैं। गुरुवार को ग्राम अहमदपुर खैगांव में किसानों ने खेतों में रोटर-कल्टीवेटर और हल चलाकर प्याज की फसल नष्ट की। भारतीय किसान संघ ने आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों की आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए दीपावली नहीं मनाते हुए विरोध प्रदर्शन का आव्हान किया है।

ग्राम अहमदपुर खैगांव में गुरुवार को बड़ी संख्या में किसानों ने प्याज की खड़ी फसल पर हल और रोटर कल्टीवेटर चला दिए। किसानों ने शासन की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा कि इस बार हमारे परिवार पटाखे खरीदना तो दूर दीपावली की मिठाई भी बच्चों को नहीं दिला पाएंगे। अहमदपुर खैगांव में करीब 50 प्रतिशत किसानों ने प्याज की फसल लगाई थी। किसानों को अतिरिक्त खर्च उठाकर फसल नष्ट करानी पड़ रही है।

किसान टूटाचंद नानकराम ने बताया कि एक एकड़ भूमि में प्याज लगाया था। प्रति एकड़ में प्याज की फसल लगाने में किसान को 25 हजार रुपए तक खर्च आया था। जबकि मंडी में दो रुपए किलो में भी व्यापारी प्याज नहीं खरीद रहे हैं। ऐसे में भाड़ा लगाकर मंडी तक जाने की बजाए खेतों में ही फसल को नष्ट किया जा रहा है। किसान बाबूलाल पटेल ने बताया कि दो एकड़ भूमि में लगी प्याज की फसल को उखाड़ने के लिए 1400 रुपए किराए में रोटर और एक हजार रुपए किराए में कल्टीवेटर लगवाना पड़ रही है।

इसी तरह किसान नेमीचंद नानकराम, मोतीराम चंपालाल, श्रीराम रूखड़ू चाचरिया द्वारा भी अपने खेतों में प्याज की फसल बैलों को खिलाई जा रही है। ग्राम मलगांव, सुरगांव जोशी सहित आसपास के अन्य क्षेत्रों में भी किसान प्याज के भाव नहीं मिलने से बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। किसानों ने शीघ्र ही सरकार से बीमा राशि देकर राहत उपलब्ध करवाने की मांग की है।

भारतीय किसान संघ प्रवक्ता सुभाष पटेल ने बताया कि किसानों की फसल का लागत मूल्य शासन को तय करना चाहिए। प्याज की फसल अच्छी होने के बावजूद किसानों को कम भाव मिलने से आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। अपनी फसल को अपने हाथों से बर्बाद करने वाले किसान पर क्या गुजर रही है यह वह खुद जानता है। पीड़ित किसान इस बार काली दीपावली मनाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

Related Articles

Back to top button