नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस परेड कार्यक्रम पर इस बार 20 बहादुर बच्चे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। केंद्र सरकार ने 1957 से 20 बहादुर बच्चों को सम्मानित करने वाले एनजीओ इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर (आईसीसीडब्लू) से खुद को अलग कर लिया है। इसी एनजीओ की ओर से हर साल 20 साहसी बच्चों को सम्मानित किया जाता है। महिला और बाल विकास मंत्रालय का कहना है कि एनजीओ पर कुछ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं और दिल्ली हाई कोर्ट में इसकी जांच चल रही है। मंत्रालय की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया कि केंद्र सरकार ने अपने नए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अवॉर्ड शुरू किए गए हैं, जिसके लिए पहले से ही 26 बच्चे चुने जा चुके हैं।
एनजीओ की तरफ से जिन बच्चों को अवॉर्ड मिल रहा है, वो इस बार गणतंत्र दिवस परेड कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। इन बच्चों को इसकी काफी निराशा भी है। एनजीओ के पास भी इस बात की कोई योजना नहीं है कि इन बच्चों को कैसे सम्मानित किया जाएगा। आईसीसीडब्लू की प्रेजिडेंट गीता सिद्धार्थ ने बताया, केंद्र सरकार इस बार अपने अवॉर्ड खुद ही देने जा रही है। हमने गृह मंत्रालय और पीएमओ को कई पत्र लिखे, लेकिन हमें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहे केस पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। गीता सिद्धार्थ ने बच्चों के परेड में शामिल नहीं हो पाने पर निराशा जताते हुए कहा, ये अवॉर्ड दशकों से हमारी संस्था की तरफ से दिए जा रहे हैं। देश भर से 20 साहसी बच्चों को चुनने के लिए हम काफी मेहनत करते हैं, लेकिन मंत्रालय के रवैये से हमें काफी दुख पहुंचा है। हमने बच्चों के पैरंट्स और बच्चों से बात की है और कहा है कि कोई नई सूचना होगी तो हम उन्हें देंगे।