इस बार वेतन बढ़ौतरी की सिफारिश पिछले वेतन आयोग की तुलना में कम है: फिच रेटिंग्स
दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
नई दिल्लीः केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में 23.55 प्रतिशत की बढ़ौतरी की सिफारिश पूरी तरह लागू करने से राजकोषीय मजबूती का लक्ष्य पूरा करने की राह में चुनौतियां बढ़ेंगी। फिच रेटिंग्स ने एक बयान में कहा, “सिफारिशों को स्वीकार करने से सरकार के वेतन बिल पर उल्लेखनीय असर होगा।” सातवें वेतन आयोग द्वारा वेतन संबंधी सिफारिशों को यदि स्वीकार कर लिया जाता है तो यह एक जनवरी 2016 से लागू होगा। इस बार वेतन बढ़ौतरी की सिफारिश पिछले वेतन आयोग की तुलना में कम है जिसने 40 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की थी और उसे 2008 में लागू किया गया था। फिच ने कहा, “अपने आप में इन सिफारिशों को लागू करने से केंद्र सरकार का वेतन पर खर्च सकल घरेलू उत्पाद के करीब 0.5 प्रतिशत के बराबर बढ़ेगा। यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि इससे राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर भी असर होगा क्योंकि वे इसका अनुपालन करना चाहेंगे।” सरकार ने 2016-17 में राजकोषीय घाटा कम कर सकल घरेलू उत्पाद के 3.5 प्रतिशत के बराबर लाने का लक्ष्य रखा है जो 2015-16 के लिए 3.9 प्रतिशत है।