जीवनशैली

इस बीमारी से भी होता है महिलाओं में बांझपन का खतरा

जयपुर, टीबी की बीमारी की वजह से एक सला मे दुनिया में करीब दस लाख मौते हो जाती है। जानलेवा बीमारियों में से इसे भी प्रमुख दस में माना जाता है। यह बीमारी दूसरे लोगों में संक्रमित से फैलती है जो आगे चलकर महिलाओं और पुरुषों दोनों में बांझपन का कारण बनती है। इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल कि आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. निताशा गुप्ता ने इस घातक बीमारी के बारे में कहा है कि “माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस, जिसके कारण टीबी होती है.

यह एक साल मे करीब 20 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित करता है। इस बीमारी मे फेफडे संक्रमित होते है। जिसकी वजह से अगर समय रहते इसका इलाज हो जाए तो ठीक है नहीं तो कई सारी बीमारियों का कारण बनती है। उन्होंने बताया कि यह संक्रमण किडनी, पेल्विक, के साथ ही गर्भाशय को प्रभावित करता है।

जिससे पुरूषों मे बांझपन के केस देखे जा सकते है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से गर्भाशय में संक्रमण हो जाता है जिसकी वजह से अंडा बनने में परेशानी आने लगती है। इस संक्रमण की वजह से शुक्राणु अंडाशय तक नहीं पहुंच पाते है. औऱ वहीं पर समाप्त हो जाते है। उन्होंने कहा कि इस परेशानी की वजह से हर दस महिलाओं मे से दो महिलाओं को इस परेशानी से गुजरना पड़ता है।

40 प्रतिशत महिलाओं के जननांगों में इस तरह की परेशानी देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत टीबी के मामले में प्रथम स्थान पर है। और इसी की चलते भारत में बांझपन के अधिक मामले सामने आते है. हालंकि इसका इलाज हो जाता है अगर कोई कपल समय से परामर्श ले लेता है तो अगर यह संक्रमण बढ़ जाता है तो इलाज काफी जटिल हो जाता है।

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