ज्ञान भंडार

इस शख्स ने लुटा दी अपनी सारी दौलत, लोग कर रहे हैं जय-जयकार

ahuja-4एजेंसी/ जब मतलबी दुनिया का जुमला फेमस हो चुका है तब एक ऐसा शख्स है जो इसको धता बता रहा है. अपनी जिंदगी की बात तो छोड़िये वो लोगों की जिंदगी बचाने में अपनी पाई पाई लगा रहा है.हम बात कर रहे हैं चंडीगढ़ में रहने वाले जगदीश लाल आहूजा की. जो 15 साल से लोगों का पेट भर रहे हैं. दरअसल जगदीश लाल PGI चंडीगढ़ और सेक्टर-32 के हास्पिटल के बाहर मरीजों के साथ आए लोगों को फ्री में खाना खिलाते है.कभी करोड़पतियों में शामिल जगदीश लोगों को खिलाते खिलाते आज बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं.

इन सबके बाद भी इनका हौसला नहीं टूटा वो अभी भी लोगों की सेवा में लगे हुए हैं. इनके इस सराहनीय कदम में इनकी पत्नी भी इनका पूरा साथ निभाती हैं. 80 साल के ये बुजुर्ग, पत्नी के साथ मिल कर रोज एक हजार लोगों का पेट भरते हैं. बच्चों से लेकर हर कोई जगदीश लाल आहुजा को जानता है उनका सम्मान करता है. लोग उन्हें ‘बाबा’ और इनकी पत्नी को ‘जय माता दी’ के नाम से जानते हैं.

लंगर के लिए बाबा कहते हैं कि मै जब किसी को भूखा देखता हूं तो मुझे वो अपने बच्चे जैसा लगता है. और मैं अपने बच्चे को भूंखा कैसा रख सकता हूं. अपने लंगर के लिए जगदीश लाल एक-एक कर करोड़ों की अपनी 7 प्रॉपर्टीज़ बेच चुके हैं.लोगों का पेट भरने के लिए उन्हें किसी के सामने हाथ नहीं फैलाए. सबकुछ अपने दम पर किया. वो कहते हैं कि जब तक मेरे पास पैसा है मैं लोगों का पेट भरता रहूंगा. लंगर चलता रहेगा.

हॉस्पिटल के अलावा वो और भी जगह पर गरीबों को खाना कपड़ा जूता और जरूरत का सामान बांटते थे. लेकिन पैसे की कमी और तबीयत खराब होने के चलते उनका वहां जाना बंद हो गया. फिलहाल वो हॉस्पिटल के बाहर ही अपना लंगर चलाते हैं.लोग शौख से बाबा के दिए हुए दाल, रोटी, चावल और हलवा का लुत्फ उठाते हैं. लोगों को हर रोज अपने मसीहा का इंतजार रहता है. आसपास लोग कहते हैं कि आहुजा जी ने एक से डेढ़ हजार लोगों को गोद ले रखा है. जब तक उनके जैसे लोगों का दुनिया में स्तम्भ है कोई भूखा नहीं सो सकता. लंगर की शुरूआत उन्होंने अपने बेटे के जन्मदिन पर की थी तब से ये सिलसिला जारी है.

 

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