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दारुल उलूम का ऐलान ,ईद पर सामूहिक तौर पर की जाएगी गौ हत्या

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
2015_9image_12_52_135292118beefbanjk-llजम्मू कश्मीर : प्रदेश में गौमांस प्रतिबंध को लागू करने के बारे में जहां सरकार ने अभी तक फैसला नही लिया है वहीं कश्मीर घाटी आधारित दारुल उलूम (धार्मिक स्कूलों) ने अदालत के फैसले को पूरी तरह से खारिज करते हुए आगामी ईद-उल-जुहा पर सामूहिक रुप से गौ-वंश वध करने का ऐलान किया है। धार्मिक विद्वानों ने उच्च न्यायलय के निर्देश की निंदा करते हुए कहा कि वह प्रतिबंध का पालन नही करेंगे क्योंकि इस्लामिक कानून गौवंश वध की इजाजत देता है और उनको कोई भी धार्मिक दायित्वों के प्रदर्शन से नही रोक सकता है। दारुल उलूम रहीमिया बांडीपुरा के मौलवी फयाज अहमद शाह ने कहा कि वह गौवंश वध करना जारी रखेंगे। हम मुसलमान है और हमारा धर्म इस्लाम इन पशुओं का बलिदान देने की इजाजत देता है। हम इस तरह के जानवर का बलिदान देना बंद क्यों करें जिनका हमारे धर्म में इजाजत है। साथ ही ईद-उल-जुहा आ रही है, गौवंश वध के लिए दारुल उलूम के साथ अभी तक ६०० लोगों ने पंजीकरण करवाया है। शाह ने कहा कि ईद में अभी भी कुछ दिन बाकी है और और अधिक लोगों द्वारा पंजीकरण करवाने की उम्मीद है। इस तरह के प्रतिबंध पर ध्यान देने की कोई जरुरत नही है क्योंकि इस्लाम हमें इजाजत देता है और इसमें हमें किसी भी विशेषकर गैर इस्लामिक समूह जो पूरी तरह से अनजान है के हस्ताक्षेप की जरुरत नही है दारुल उलूम बिलालिया लालबाजार श्रीनगर के सदस्य अब्दुल मजीद नाइक ने कहा कि हमको हलाल कृत्य को अंजाम देने से कोई रोक नही सकता है। उन्होने कहा कि हर नुक्कड और कोने से मुसलमान इस दायित्व के लिए खुद का बिलालिया दारुल उलूम में पंजीकरण करवा रहे हैं।नाइक ने कहा कि ईद पर न सिर्फ दारुल उलूम गौवंश और अन्य जानवरों का बलिदान देते है बल्कि घाटी भर में मुसलमानों ने उनकी इच्छा रहे है और इस दायित्व के लिए खुद का पंजीकरण करवा रहे है। इस संबंध में स्थानीय अखबारों में लगातार विज्ञापन प्रकाशित किए जा रहे है। गौमांस पर प्रतिबंध लगाने से हमको धार्मिक आदेशों का पालन करने से नही रोका जा सकता है। न सिर्फ दारुल उलूमों बल्कि छोटे धार्मिक संस्थान जैसे दरसगाहों द्वारा भी ईद पर गौवंश का बलिदान दिया जा रहा है। शहर के नरपरिस्तान फतेहकदल स्थित दारुल अरकम में हर ईद गौवंश वध किया जाता है और इस साल भी इस धार्मिक दायित्व का प्रदर्शन करने की तैयारी की गई है। दारुल अरकम के सदस्य और एक स्थानीय निवासी जुबैर अहमद नमक ने कहा कि न सिर्फ गायों बल्कि हम इस्लाम के लिए अपने जीवन का बलिदान देने के लिए भी तैयार है। गौवंश सहित जानवरों का बलिदान देना हमारा धार्मिक दायित्व है। न सिर्फ दरसगाह परिसरों में बल्कि हम उन लोगों जिन्होने प्रतिबंध लगाया के सामने भी गौवंश वध करने के लिए तैयार है।

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