संसद में ई अहमद की मौत को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
नई दिल्ली। कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को संसद में ई अहमद की मौत को लेकर चर्चा करने की मांग की। साथ ही संसदीय कमेटी से मौत की परिस्थितियों और कारणों का पता लगाने की मांग की। गुलाम नबी आजाद का आरोप है कि लोक सभा सांसद ई अहमद की मौत काफी पहले हो चुकी थी। लेकिन सरकार ने उनकी मौत की खबर को दबा दिया। आजाद के मुताबिक सरकार चाहती थी कि जब तक बजट पेश न हो उनके पार्थिव शरीर को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ही रखा जाये।
मल्लिकार्जुन ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनसे किसी को मिलने नहीं दिया। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने आज लोक सभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। जिसमें अस्पताल और केंद्र पर ई अहमद और उनके परिजनों के प्रति अनैतिक दृष्टिकोण अपनाने का आरोप लगाया।
संसद में आम बजट पेश करने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने ई अहमद की मौत के चलते एक बजट को एक दिन के लिए टालने की मांग की गयी थी। हालांकि लोकसभा स्पीकर की ओर से संवैधानिक मजबूरियों के चलते सदन टालने की मांग को अस्वीकार कर दिया गया।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से सांसद ई अहमद का राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान तबियत बिगड़ गयी। जहां बाद में राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अहमद का अंतिम संस्कार उनके गृह राज्य केरल में किया गया।