उत्तराखंडराज्य

उत्तराखंड में सत्ता पाने के लिए भाजपा के पास है ये चुनावी हथियार

आदर्श आचार संहिता लागू होते ही सियासी दलों ने चुनावी दंगल में उतरने को ताकत झोंक दी। बसपा सहित क्षेत्रीय दल जहां अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुके हैं वहीं कांग्रेस और भाजपा में अभी टिकटों पर मंथन चल रहा है। दोनों राष्ट्रीय दलों ने अभी तक घोषणा पत्र जारी नहीं किया है, लेकिन रैलियों और जनसभाओं में उठाए मुद्दों से दोनों का चुनावी एजेंडा तय कर चुके हैं।
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भाजपा ने कांग्रेस को घेरने के लिए स्टिंग प्रकरण को हथियार बना लिया है जबकि केंद्र सरकार के सुशासन को अपना चुनावी मंत्र घोषित किया है। उधर, भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस नोटबंदी जैसे ‘मोदी मंत्र’ और केंद्रीय नीतियों पर निशाना साध रहीं है। स्टिंग कांड की काट कांग्रेस 18 मार्च को राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले से करेगी। स्थानीय मुद्दों में राजधानी गैरसैंण, नए जिलों का गठन, पलायन और पुनर्वास दोनों ओर से छाया रहेगा।
भाजपा और कांग्रेस में आचार संहिता लागू होते ही टिकटों के लिए दौड़भाग तेज हो गई है। एक दूसरे के प्रत्याशियों पर स्थिति साफ होने का इंतजार कर रहे दलों पर अब जल्द प्रत्याशी तय करने का दबाव है। 70 विधानसभाओं के लिए प्रत्याशियों के चयन में जुटी पार्टियां 10 जनवरी के बाद पहली सूची जारी कर देंगी। इसी के साथ दोनों दलों का घोषणा पत्र भी जनवरी के दूसरे सप्ताह में ही जारी हो पाएगा।

भाजपा के पास भ्रष्टाचार सबसे अहम मुद्दा

अभी तक भाजपा कांग्रेस जिन मुद्दों पर एक दूसरे को घेर रही है, उसमें भाजपा केंद्र के मॉडल को लेकर चल रही है जबकि कांग्रेस स्थानीय मुद्दों की राह पर आगे बढ़ती दिखी है। एक दूसरे पर सवाल उठाने के लिए भाजपा के पास दो अहम मुद्दे हैं जिसमें भ्रष्टाचार सबसे अहम है। सीएम हरीश रावत के खिलाफ स्टिंग प्रकरण, सचिव आबकारी का स्टिंग, विधायक मदन बिष्ट का स्टिंग चुनावी मुद्दा बनेगा। इसके अलावा सरकार की आबकारी, खनन, राजस्व, आपदा आदि मामलों को भाजपा उठाएगी। 
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपनी चार रैलियों में इन्हीं मुद्दों को उठाते दिखे जबकि पीएम मोदी ने आपदा का मुद्दा उठाया। भाजपा के केंद्रीय नेता वन रैंक वन पेंशन, नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मुद्दे पर बढ़त लेने की कोशिश करते दिखे। कांग्रेस चुनाव में केंद्र सरकार के बहाने भाजपा को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। केंद्र के नोटबंदी के फैसलों को कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अल्मोड़ा रैली में उठाकर साफ किया है कि यह बड़ा सियासी मुद्दे बनेगा।
सीएम रावत केंद्र के फंडिंग पैट्रर्न पर लगातार हमला कर रही है। कांग्रेस अपनी उपलब्धि के तौर पर केदारनाथ, चार धाम, स्थानीय खेती, पेंशन स्कीम और सरकारी नौकरियों को गिनाएगी। स्थानीय मुद्दों में कांग्रेस भी उसी लाइन पर है जिसपर भाजपा काम कर रही है। पांच वर्षों के दौरान पलायन, पुनर्वास, रोजगार, औद्योगिक विकास के लिए क्या काम किये और क्या काम किये जाएंगे इसको कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। 

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