देहरादून: उत्तराखंड के 28 लाख लोगों के लिए राहत की खबर है. इमरजेंसी केस में अब पहले मरीज (Patient) को इलाज मिलेगा और 72 घंटे बाद ही कागजात जमा करने होंगे. ईएसआईसी (ESIC) यानी कर्मचारी राज्य बीमा निगम में पंजीकृत 7 लाख श्रमिकों और उनके परिजनों को ये एक बड़ी राहत दी गयी है.
नई व्यवस्था के तहत अगर कोई सूचीबद्ध अस्पताल इलाज करने में आनाकानी करेगा तो निगम उसके बकाया भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा देगा. यह फैसला निगम की क्षेत्रीय परिषद की सातवीं बैठक में लिया गया. परिषद के अध्यक्ष श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में देहरादून हुई बैठक में श्रमिक हितों को लेकर कई और भी फैसले किए गए.
आपको बता दें कई बार ऐसी शिकायतें आती हैं कि अस्पताल रोगी और उसके परिजनों को कागजातों की औपचारिकता में उलझा देते हैं, जिससे इलाज में देरी के कारण रोगी की जान को खतरा हो जाता है.
ये अहम फैसले बैठक में लिए गए
– अस्पताल के साथ ही पैथोलॉजी लैब की भी मिलेगी सुविधा.
– 100 बेड के अस्पताल के लिए सेलाकुई में सिडकुल से भूखंड की मांग की जाएगी.
– हरिद्वार में 100 बेड के अस्पताल का निर्माण 18 महीने में पूरा किया जाएगा.
– रुद्रपुर में रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी के मद्देनजर निगम अतिरिक्त अस्पताल खोलेगा.
– रुद्रपुर में 50 बेड का अस्पताल तीन महीने में शुरू करने का फैसला लिया गया.
– कोटद्वार में राज्य कर्मचारी बीमा निगम 300 बेड का सुपर स्पेशल अस्पताल बनाएगा.
– स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम के ढांचे का पुनर्गठन होगा.
– हर जिले में ईएसआई अस्पताल स्थापित करने के लिए डीएम से भूमि की मांग की जाएगी.
– अस्पताल और क्लीनिक ऑनलाइन जुड़ेंगे और एप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट होगा जारी.