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उद्योग जगत ने किया सरकार से आग्रह, 17 मई से आगे ना बढ़ाए लॉकडाउन

नई दिल्ली: कोविड-19 से चल रही लड़ाई में सरकार ने राष्ट्रीय लॉकडाउन को कुछ राहत के साथ दो हफ्तों के लिए और बढ़ाने का फैसला किया है। देश के उद्योग जगत ने संशय के साथ इस फैसले का स्वागत किया है। उद्योग जगत का मोटे तौर यह मानना है कि लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए सरकार को अब लॉकडाउन की अवधि और नहीं बढ़ानी चाहिए और इससे बाहर निकलने के लिए जांची-परखी रणनीति रखी जानी चाहिए। लॉकडाउन से होने वाली आर्थिक हानि को भांपते हुए उद्योग जगत ने सरकार से भारी भरकम आर्थिक पैकेज को लेकर दबाव और बढ़ा दिया है। सीआइआइ, फिक्की जैसे बिजनेस चैंबरों ने फिर दोहराया कि सरकार को पैकेज की घोषणा करने में और देरी नहीं करनी चाहिए।

देश के प्रमुख उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाये जाने को सकारात्मक बताया लेकिन यह भी कह दिया है कि अगर 17 मई, 2020 के बाद यह लागू रहता है तो सप्लाई चेन काफी प्रभावित होगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसके बाद पूरे देश को हर तरह की गतिविधियों के खोला जाएगा।

महिंद्रा ने कहा कि, ‘मुझे लगता है कि 17 मई, 2020 के बाद से देश के कई हिस्सों में रेड जोन रहेगा और कई क्षेत्रों में प्रतिबंध जारी रहेगा। लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि यह सामान्य तौर पर नहीं होगा बल्कि अपवाद की तरह रहेगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो सप्लाई चेन बहुत बुरी तरह से प्रभावित रहेगी।’

सीआइआइ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा है कि अब शीघ्र ही विस्तृत आर्थिक पैकेज की घोषणा करने की जरुरत है। सरकार ने कुछ क्षेत्रों मे आर्थिक गतिविधियों को शर्तो के साथ चलाने की छूट दी है जो स्वागत योग्य है। जिस तरह से कुछ सेक्टर में निजी कंपनियों को 33 फीसद कर्मचारियों के साथ काम करने की छूट मिली है वह भी एक स्वागत योग्य काम है।

उन्होंने तत्काल सरकार को 6 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करने को कहा है जो पूरी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने में मदद करेगा। सीआइआइ ने यह भी कहा है कि सरकार को अभी कर्ज बढ़ने को लेकर ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए कि क्योंकि भारत का जीडीपी व कुल कर्ज का अनुपात अभी भी काफी कम है। सीआइआइ का मानना है कि अब पूरे देश में औद्योगिक गतिविधियों को धीरे-धीरे खोलने की शुरुआत हो जानी चाहिए।

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