कश्मीर में उपद्रवियों ने पावा शेल से निपटने के लिए नुस्खा ईजाद कर लिया है। हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा इसके इस्तेमाल की शुरुआत में ही इसके नाकाम होने के मामले सामने आने लगे हैं।
आतंकी संगठनों और कट्टरपंथियों ने पावा शेल को नाकाम करने की बकायदा ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है। नतीजतन हिंसक भीड़ के पत्थरबाजी में सीआरपीएफ और पुलिस के घायल जवानों की संख्या बढ़ने लगी है।
कश्मीर में गांदरबल और कुलगाम में पत्थरबाजों ने पावा शेल के फायर होते ही फटने से पहले उसे गीली बोरी से ढंक दिया। इस कारण पावा शेल का मिर्ची पाउडर धुएं के साथ बाहर नहीं आ सका।
पत्थरबाजों पर देर तक नियंत्रण पाना मुश्किल हो गया। इस कारण पत्थरबाजी में सुरक्षा बलों के ज्यादा जवान घायल हुए। अब सुरक्षा बलों के समक्ष हिंसक भीड़ से निपटने के क्रम में कठिनतम स्थिति में पेलेट गन के विकल्प को खुला रखने की मजबूरी है।