उप्र में बिजली समस्या का अब होगा त्वरित समाधान
लखनऊ (दस्तक ब्यूरो)। उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के प्रति गंभीरता दिखाते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुये यह फैसला सुनाया है कि ‘न्याय उपभोक्ता के द्वारा ’ कार्यक्रम के तहत सभी जिलों में उपभोक्ता समस्याओं का समाधान करने के लिए जन अदालत का आयोजन किया जाएगा। उपभोक्ता परिषद ने इस निर्णय को जनहित का निर्णय करार देते हुये नियामक आयोग के इस फैसले का स्वागत किया है।
नियामक आयोग द्वारा गठित उपभोक्ता व्यथा निवारण फोरम प्रदेश के 2० मण्डलों में कार्यरत हैं। उनके द्वारा इस कार्यक्रम की शुरूआत प्रदेश के सभी जिलों में की जायेगी जिसका प्रथम चरण 15 नवम्बर व 24 नवम्बर 2०13 को तय किया गया है। उपभोक्ता अपनी समस्याओं को इस जन अदालत में लाएं इसके लिए हर जिले में बैनर पोस्टर व समाचार पत्रों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को चाहे नया कनेक्शन देने का मामला हो चाहे बिलिंग का मामला हो मीटर संबंधी मामला हो मुआवजा संबंधी मामला हो सभी मामलों में उपभोक्ताओं के साथ नाइंसाफी की जा रही है और उपभोक्ता अपनी व्यथा किसी के सामने नहीं कह पाता। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि नियामक आयोग के इस फैसले की जानकारी प्रदेश की सभी बिजली कम्पनियों के प्रबन्ध निदेशकों को भेज दी गयी है तथा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ता की यह नैतिक जिम्मेदारी होगी कि उनके द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरा सहयोग व्यथा निवारण फोरम को दिया जाये।
आयोग के इस फैसले से प्रदेश के उपभोक्ताओं में काफी खुशी है क्योंकि सभी फोरमों द्वारा मौके पर ही उपभोक्ता समस्याओं पर विद्युत वितरण संहिता 2००5 के प्राविधानों के तहत त्वरित फैसला भी दिया जायेगा जिसकी अवहेलना करने पर संबंधित बिजली अधिकारियों के खिलाफ विद्युत अधिनियम की धारा 142 के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।