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उमर खालिद बोला-दो साल में तीसरी बार जेएनयू प्रशासन ने किया बर्खास्त, लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे

दो साल में तीसरी बार जेएनयू प्रशासन ने बर्खास्त किया है लेकिन हम इस मामले में चुप नहीं बैठेंगे। कैंपस में नौ फरवरी 2016 को आयोजित कार्यक्रम मामले में जेएनयू उच्चस्तरीय कमेटी की सिफारिश को अदालत में चुनौती देंगे। कमेटी की दूसरी रिपोर्ट में भी फैसला बरकरार रखने की जानकारी मिलने के बाद उमर खालिद ने अपनी बात फेसबुक के माध्यम से रखी है।  

उमर खालिद ने अपने फेसबुक पर कमेंट कर शुक्रवार को बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा। उमर का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने यह कार्रवाई बीजेपी और आरएसएस के दबाव में की है। कमेटी की जांच बिल्कुल गलत है और उसे हम सिरे से खारिज करते हैं। अपनी पूर्वाग्रह सोच को इस जांच के नाम पर थोपा जा रहा है।       

बता दें कि कैंपस में 9 फरवरी 2016 को अफजल गुरु की शहादत दिवस के नाम पर विश्वविद्यालय प्रबंधन की बगैर अनुमति के कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें देशविरोधी नारे लगाए गए थे। देश विरोधी नारे का वीडियो सार्वजनिक होने के बाद पुलिस में मामला दर्ज हुआ। 

बाद में विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इस पूरे मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने 11 अप्रैल 2016 को अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें उमर खालिद, कन्हैया व अनिर्बन को दो-दो सेमेस्टर से सस्पेंड करने के अलावा कन्हैया पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। 

कमेटी ने कुल 21 आरोपियों में से 19 के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि सिफारिश को लागू करना चाहिए, ताकि फिर कैंपस में ऐसे कार्यक्रम पर रोक लग सके। इसके बाद आरोपी छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

बाद में अदालत ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को दोबारा उक्त कमेटी को अपनी जांच की समीक्षा का आग्रह किया था। इसी के आधार पर बृहस्पतिवार को दूसरी रिपोर्ट आयी, जिसमें सिफारिश को बरकरार रखने को कहा गया है।  

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