ज्ञान भंडार
उस पार्टी से कई रसूखदार हाजिर होने बाद भी अचानक गायब हो गए !
अखंड फार्म हाउस में हाइप्रोफाइल पार्टी में पुलिस ने छापा मारकर कई नामी-गिरामी हस्तियों की धरपकड़ की। इस पार्टी से कई रसूखदार हाजिर होकर भी अचानक गायब हो गए, इसकी सूचना मिलते ही इंचार्ज रेंज आईजी ने अधिकारियों की बैठक बुलाई। अब बरामद कार के नम्बरों के आधार पर उनके मालिकों की जानकारी ली जा रही है। यदि इन कारों के मालिकों के ब्लड सेम्पल नहीं होंगे, तो उनसे सघन पूछताछ की जाएगी। आखिर गायब कैसे हो गए…
हाइप्रोफाइल पार्टी पर छापा मारने के पहले पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चुस्त कर रखी थी, इसके बाद भी लोग गायब हो गए। अगर उनके गायब होने में किसी पुलिस वाले का हाथ होगा, तो उसे तुरंत सस्पेंड कर दिया जाएगा। यह चेतावनी डीएसपी सौरभ तोलंबिया ने दी है। यह भी चर्चा है कि यह छापा केवल चिरायु अमीन और एक पूर्व क्रिकेटर को टार्गेट रखकर ही मारा गया था।
वडोदरा पासिंग से 70 से अधिक कार मालिकों के नाम मिले
इस मामले पर हंगामा होने से इंचार्ज रेंज आईजी अभय चूड़ासमा ने सोमवार की शाम को डीएपी सौरभ तोलंबिया, डीवायएसपी परमार समेत स्टाफ के साथ बैठक की। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि उस पार्टी से कौन-कौन गायब हुआ, उसकी सघन जांच हो। पुलिस ने फार्म हाउस से 90 आलीशान कारें जब्त की हैं। इन कारों के नम्बर के आधार पर आरटीओ से कार मालिक के नाम लिए गए, अब तक 70 कारों के मालिकों का पता चल चुका है। अब पुलिस इस जांच में लगी है कि पार्टी में पकड़े गए और कार मालिकों के नाम वहीं हैं, या उससे अलग हैं। यदि कार मालिक का नाम उसमें नहीं मिलता, तो उस कार को फार्म में कौन लेकर आया और छापे के वक्त वहां क्हां था, इसकी जांच कर रही है। इस तरह से पार्टी से गायब हुए लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी।
चिरायु अमीन और पूर्व क्रिकेटर ही टार्गेट
चर्चा है कि यह छापे के पीछे चिरायु अमीन और पूर्व क्रिकेटर ही टार्गेट में थे। ये दोनों एक ही गुट के हैं। क्रिकेट के विरोधी गुट से जुड़े किसी शख्स ने पार्टी का भंडाफोड़ किया। पहले यह सोचा गया था कि जैसे ही यह मामला गांधीनगर पहुंचेगा, रफा-दफा हो जाएगा। पर ऐसा नहीं हो पाया।
15-20 महिलाएं नशे में थी, तो 136 का ब्लड सेम्पल क्यों लिया गया?
पुलिस ने जब वहां छापा मारा, तो केवल 15-20 महिलाएं ही नशे में थी, पर पुलिस ने वहां उपस्थित सभी महिलाओं के ब्लड का सेम्पल लिया। कार्पोरेट जगत में इसका विरोध किया जा रहा है। दूसरी तरफ इस संबंध में पुलिस ने अपनी लाचारी बताते हुए कहा है कि उनके पास केवल 4 ब्रेथ एनलाइजर ही थे और चेकिंग करने के पाइप केवल 60 ही थे। यदि ब्रेथ एनलाइजर से टेस्ट किया जाता, तो बाकी रह गए लोग पक्षपात का आरोप लगा देते।
शराब विदेशी मित्रों ने भेजी थी
उद्योगपति जितेंद्र उर्फ जीतू शाह और उनके बेटे अलय की रिमांड के दौरान तहसील पुलिस ने पूछताछ की, तो पता चला कि यह इम्पोर्टेड शराब उनके विदेशी मित्रों से 2015 में ली गई थी। उन्होंने उन तीन मित्रों के नाम भी पुलिस को बताए। हालांकि तीनों मित्र अभी भी विदेश में ही हैं। दूसरी ओर अधिकांश इम्पोर्टेड शराब बीयर परमिट की होने के कारण नशाबंदी और आबकारी विभाग की सूचना दे दी गई है।