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ऋषभ की साहसिक पारी के बावजूद RCB के हाथों डेयरडेविल्स को मिली हार

विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (57 रन, 36 गेंद) की साहसिक पारी के बावजूद दिल्ली डेयरडेविल्स को हार का सामना करना पड़ा। अपने घरेलू मैदान पर पहला मैच खेल रही रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने  शनिवार को यहां खेले गए आईपीएल मुकाबले में 8 विकेट पर 157 रन का स्कोर खड़ा किया था लेकिन दिल्ली की टीम नौ विकेट पर 142 रन ही बना सकी। आरसीबी 15 रन से मुकाबला जीतने में सफल रही जोकि उसकी दूसरे मैच में पहली जीत है जबकि दिल्ली को पहले मुकाबले में ही हार का सामना करना पड़ा।
 
दिल्ली की टीम की ओर से केवल ऋषभ पंत ही अकेले मोर्चा संभालते नजर आए। सैम बिलिंग्स ने 25 रन का योगदान दिया। बाकी बल्लेबाजों ने बेहद निराश किया। दरअसल दूसरे छोर से विकेट गिरने और रनरेट के बढ़ने से ऋषभ पर बेहद दबाव भी आ गया था। ऋषभ जब तक क्रीज पर थे संघर्ष के बावजूद दिल्ली की उम्मीदें कायम थीं लेकिन अंतिम ओवर में जब दिल्ली को 19 रन की जरूरत थी तो पहली ही गेंद पर उनके आउट होते ही दिल्ली की हार तय हो गई थी। पिछले सीजन के महंगे खिलाड़ी पवन नेगी ने अंतिम ओवर में तीन रन देकर दो विकेट चटकाए। 

इससे पहले बैंगलोर की ओर से केदार जाधव ने 69 रन की पारी खेली जो आईपीएल में उनका अब तक का श्रेष्ठ स्कोर है।  टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी को उतरी आरसीबी को गेल (06) के रूप में पहला झटका जल्द ही लग गया था। मनदीप सिंह (12) कमिंस की गेंद पर बोल्ड हो गए थे। कार्यवाहक कप्तान शेन वाटसन (24) कुछ जमकर खेलते दिख रहे थे लेकिन शाहबाज नदीम ने उन्हें विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों आउट करा दिया। दो दिन पहले पिता के देहांत के बाद निजी शोक के बावजूद मैच खेलने का जज्बा दिखाने वाले दिल्ली डेयरडेविल्स के ऋषभ ने बेहतरीन अंदाज में स्टंप किया। आरसीबी 55 रन पर तीन विकेट खो चुकी थी। ऐसे में केदार जाधव ने स्टुअर्ट बिन्नी (16) के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 66 रन जोड़े जिसमें 47 रन जाधव के बल्ले से निकले थे। बिन्नी को जहीर खान ने आउट किया। विष्णु विनोद (09) ने एक शानदार छक्का लगाया लेकिन फिर रनआउट हो गए। केदार जाधव का विकेट भी जहीर खान के खाते में गया। निचले क्रम में पवन नेगी (10) ज्यादा कुछ नहीं कर सके। 

दुख की घड़ी में ऋषभ ने खेली यादगार पारी 

एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मैच से पहले रंगारंग कार्यक्रम चल रहा था और वहीं दिल्ली डेयरडेविल्स के ड्रेसिंग रूम में युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत दुख के सागर में डूबे थे। दो दिन पहले पिता की मौत के बावजूद मैच खेलने का जज्बा दिखाने वाले ऋषभ के दुख को समझा जा सकता है। ऋषभ का क्रिकेटर बनना उनके पिता का सपना था। दरअसल ऋषभ शनिवार को मैच खेलने नहीं पिता को सच्ची श्रद्धांजलि देने उतरे थे। ऋषभ ड्रेसिंग रूम में साथियों के बीच मौन रहे लेकिन मैदान पर उनका बल्ला बोला। महज उन्नीस साल के ऋषभ ने बड़ी पारियां पहले भी खेली हैं लेकिन दुख और निजी पीड़ा के बीच पंत की यह पारी एक मिसाल रहेगी। 

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