एक्शन में योगी, हड़ताल कर रहे अब तक 900 लेखपाल निलम्बित, 8 हजार को भेजा नोटिस
लखनऊ : मांगों को लेकर हड़ताल पर गए लेखपालों के खिलाफ सरकार की दंडात्मक कार्रवाई जारी है। एस्मा लगने के बाद भी यूपी लेखपाल संघ अपने धरने पर कायम है। मिली जानकारी के अनुसार अब तक प्रदेश में तकरीबन 900 लेखपालों को निलंबित किया जा चुका है। वहीं लगभग तीन हजार प्रशिक्षु लेखपालों को भी बर्खास्तगी का नोटिस दिया जा चुका है। हालांकि शासन और राजस्व परिषद विभिन्न जिलों में लेखपालों पर हुई कार्रवाई का ब्योरा जुटा रहा है। उप्र लेखपाल संघ के मुताबिक अब तक प्रदेश में तकरीबन 900 लेखपालों को निलंबित किया जा चुका है। वहीं लगभग 3000 प्रशिक्षु लेखपालों को बर्खास्तगी का नोटिस दिया जा चुका है। हालांकि शासन और राजस्व परिषद जिलों-जिलों में लेखपालों पर हुई कार्रवाई का ब्योरा जुटा रहा है। ग्रेड पे बढ़ाये जाने समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश भर के लेखपाल तीन जुलाई से हड़ताल पर हैं। सरकार ने लेखपालों की हड़ताल को एस्मा के तहत प्रतिबंधित कर दिया था।
उधर, हड़ताली लेखपालों से मुख्य सचिव की चार जुलाई को हुई वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद से ही लेखपालों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्यवाही जारी है। लेखपालों की हड़ताल जारी रहने से जहां आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र बनवाने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं राजस्व प्रशासन के काम भी प्रभावित हो रहे हैं। इस समय शिक्षण संस्थानों में दाखिलों का दौर चल रहा है। प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को आय, जाति और निवास प्रमाण पत्रों की जरूरत होती है। छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की खातिर आवेदन करने के लिए भी इन प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती है। वहीँ प्रदेश सरकार ने राजस्व लेखपालों की हड़ताल खत्म कराने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। प्रदेश में अब तक 8000 लेखपालों के खिलाफ निलंबन या सेवा समाप्ति की नोटिस देने की कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई मथुरा में सबसे कड़ी की गई है। 2 लेखपालों को गिरफ्तार करने के साथ 12 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
सरकार की कड़ी सख्ती के बावजूद महज 2413 लेखपाल ही सेवा पर लौटे हैं और 653 ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिए एस्मा लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है। एस्मा का नियम अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है। एस्मा लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध एवं दण्डनीय है। क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 (5 ऑफ 1898 ) के अन्तर्गत एस्मा लागू होने के उपरान्त इस आदेश से सम्बन्धि किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्ट के गिरफ़्तार किया जा सकता है।