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एक बस हेल्पर की बेटी ने पहले ही प्रयास में पीएससी की पास

psc2_2016814_0830_14_08_2016दौर। लोकेश सोलंकी। प्रदेश के छोटे से शहर नरसिंहगढ़ में बस हेल्पर की 19 साल की बेटी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आगे बढ़ने का इरादा दृढ़ हो तो अभाव आड़े नहीं आते। चार बहनों का परिवार और मुश्किल गुजर-बसर के बीच पूजा सोनी ने पहली ही कोशिश में न सिर्फ पीएससी की परीक्षा पास कर ली, बल्कि टॉपर लिस्ट में भी शामिल हो गई। लेकिन डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पदों के लिए निर्धारित से कम उम्र होने के चलते उसे छोटी पोस्ट ही मिल सकी।

पूजा 10वीं और 12वीं में भी प्रदेश की टॉपर लिस्ट में थी। नरसिंहगढ़ के तत्कालीनएसडीएम विवेक रघुवंशी ने उसकी प्रतिभा को पहचाना और इंदौर में पीएससी की क्लास लेने वाले प्रदीप श्रीवास्तव को सिफारिश की तो पूजा को फीस से छूट मिल गई।
 
गुजराती कॉलेज से बीए करते हुए उसने पीएससी-2013 में भाग लिया और सफलता का नया कीर्तिमान रच दिया। पूजा को कुल 1414 अंक मिले। पूजा से कम अंक पाने वालों को डीएसपी, वाणिज्यिककर अधिकारी, नायब तहसीलदार जैसे द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित पद मिल गए। लेकिन पूजा की उम्र सिर्फ 19 साल हो रही थी इसलिए उसे सहायक जेल अधीक्षक की पोस्ट ही मिल सकी।
 
अब तक कोई शिक्षक भी नहीं बना था
 
पूजा के मुताबिक, उससे पहले परिवार में कोई स्कूल शिक्षक भी नहीं बन सका है। इंदौर में पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए दूसरे छात्रों को पढ़ाया। अभी नियुक्ति का आदेश आने में दो-तीन महीने लगेंगे लिहाजा मैं दिल्ली जाकर तैयारी कर रही हूं। यूपीएससी की परीक्षा दे दी है। विश्वास है उसे भी पास कर लूंगी।
 
यूं समझें उम्र का गणित
 
पीएससी के नियमों के मुताबिक, राज्यसेवा परीक्षा में डिप्टी कलेक्टर, नायब तहसीलदार से लेकर अन्य सभी पदों के लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष जरूरी है। डीएसपी, आबकारी उप निरीक्षक पद के लिए यह 20 वर्ष है। सिर्फ सहायक जिला जेल अधीक्षक का ही पद ऐसा है, जिसमें न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है। पीएससी-2013 के मामले में उम्र की गणना 1 जनवरी 2014 के हिसाब से होना थी। पूजा उम्र के लिहाज से सिर्फ इसी पद के लिए फिट मानी गई।

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