भारतीय टीम के नए कोच का ऐलान हो गया है. रवि शास्त्री को टीम का मुख्य कोच बनाया गया है, वहीं एक ऐसा फैसला भी हुआ है जिसका फैंस को इंतजार था. भारतीय क्रिकेट की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ को विदेशी दौरो के लिए बल्लेबाजी सलाहकार नियुक्त किया गया है.
राहुल द्रविड़ इससे पहले भी अंडर-19 टीम, भारत-ए टीम को कोचिंग दे रहे हैं. अब वह सीनियर टीम के साथ भी जुड़ गए हैं. यह पहली बार नहीं है कि जब भारत को जरुरत है और राहुल द्रविड़ उस समय आगे आए हैं. उनके करियर में ऐसे कई मौके आए हैं, जब उन्होंने टीम को डूबती नैया से बाहर निकाला है.
146 नाबाद बनाम इंग्लैंड, ओवल 2011 इस मैच में गौतम गंभीर बीमारी के कारण नहीं खेल पाए थे, जिसकी वजह से राहुल द्रविड़ ने वीरेंद्र सहवाग के साथ ओपनिंग की थी. राहुल द्रविड़ ने अंग्रेजी गेंदबाजों की परीक्षा ली और 146 रन ठोक डाले. यह सीरीज भारत 4-0 से हारा, द्रविड़ भारत की ओर से पूरी सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे.
233 बनाम ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड, 20032003 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एडिलेड में खेले गए दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने 556 रनों का पहाड़ बनाया था. जिसके जवाब में भारतीय पारी लड़खड़ा गई थी, भारत 85 पर चार विकेट खो चुका था. उस समय राहुल द्रविड़ ने 233 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी.
180 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2001 2001 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया ऐतिहासिक टेस्ट आखिर कौन भूल सकता है. भारत ने वीवीएस लक्ष्मण के 281 और राहुल द्रविड़ के 180 रनों के दमपर फॉलोऑन होने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को पीटा था.
148 बनाम इंग्लैंड, लीड्स, 20022002 में लॉर्ड्स का टेस्ट हारने के बाद भारतीय टीम जब लीड्स पहुंची, तो उसे संजय बांगड़ और वीरेंद्र सहवाग के रुप में शुरुआती झटके लगे. राहुल द्रविड़ ने मुश्किल माहौल में भारतीय पारी को संभाला और 148 रन बनाए. अंत में भारत ने इस मैच को जीता और राहुल द्रविड़ मैन ऑफ द मैच बने.
270 बनाम पाकिस्तान, रावलपिंडी 2006 में खेली गई सीरीज के आखिरी टेस्ट से पहले राहुल द्रविड़ ने सीरीज में कोई खास प्रदर्शन नहीं किया था. पाकिस्तान पहली पारी में 224 पर ही आउट हो गया, जिसके बाद भारतीय पारी में भी आते ही वीरेंद्र सहवाग आउट हो गए. राहुल द्रविड़ ने फिर मोर्चा संभाला और 495 गेंदों में 270 रन ठोक डाले. भारत ने ये मैच पारी के अंतर से जीता था.