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एनआईए ने मसूद को बनाया आरोपी, चीन फिर बना भारत की राह का रोड़ा

masood-azhar_1475021014राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) की ओर से पठानकोट आतंकी हमले मामले में मसूद अजहर को आरोपी बनाए जाने का भी चीन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। वह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद को बचाने में अड़ा हुआ है।
बुधवार को मामले में ड्रैगन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत की ओर से उठाए जाने वाले कदम सुरक्षा परिषद के निर्धारित नियम और प्रक्रिया के तहत ही होने चाहिए। मसूद को यूएन की प्रतिबंधित सूची में शामिल कराने की भारत की कोशिश में दूसरी बार तकनीकी अड़ंगा की अवधि इसी माह खत्म होने वाली है, जिसके मद्देनजर चीन का यह बयान सामने आया है। 
मसूद और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच लंबी चर्चा भी हो चुकी है। हालांकि 12 दिसंबर को चीन ने कहा कि दोनों ही मुद्दे पर उसका रुख नहीं बदला है। माना जा रहा है कि भारत मसूद के मुद्दे पर दबाव बनाने के लिए एनआईए की चार्जशीट के साथ सुरक्षा परिषद जाएगा।
एनआईए की ओर से मसूद को आरोपी बनाए जाने के सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी सगंठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची (1267 समिति) में शामिल करने को लेकर चीन कई बार अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है। 

तकनीकी अड़ंगेबाजी करता रहा है चीन

चीन
इससे साफ है कि यूएन में मसूद पर प्रतिबंध लगाने की भारत की कोशिशों पर अड़ंगा लगाते आ रहे चीन का रुख अभी तक नहीं बदला है। वह पठानकोट में वायुसेना के ठिकाने पर आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद को फिर से बचाने की फिराक में है।
इससे पहले 31 मार्च को चीन मसूद को यूएन की प्रतिबंधित सूची में शामिल कराने की भारत की कोशिश में अड़ंगा लगा दिया था। इसके बाद फिर तकनीकी अड़ंगेबाजी करता रहा। चीन 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है। सोमवार को एनआईए ने पठानकोट आतंकी हमले में मसूद, उसके भाई समेत चार लोगों को आरोपी बनाया।
 
 

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