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एनसीपी नेता अजीत ने बढ़ाया दोस्ती का हाथ, आंबेडकर ने कहा- कांग्रेस-एनसीपी के लिए दरवाजे बंद

महाराष्ट्र विधानसभा का बिगुल बजने के बाद विपक्षी पार्टियों ने भाजपा के किले में सेंध लगाने की कोशिश शुरू कर दी है। देवेंद्र फडणवीस सरकार का विजय रथ थामने के लिए एनसीपी ने प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) से हाथ मिलाने की इच्छा जताई है। एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने गठबंधन का प्रस्ताव दिया है। वहीं, आंबेडकर ने कांग्रेस-एनसीपी से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। दरअसल, एनसीपी और आंबेडकर ने लोकसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था जिसका नुकसान दोनों को उठाना पड़ा। पवार ने कहा कि हम चाहते हैं कि समान विचारधारा वाले दल मिलकर भाजपा का मुकाबला करें। पवार ने कहा, पुणे की आठ विधानसभा सीटों में से एनसीपी चार पर उम्मीदवार उतारेगी। तीन कांग्रेस की होंगी और एक सीट वह अपने सहयोगी दल को देगी। अगर वीबीए साथ आती है तो इस सीट पर उसकी दावेदारी होगी। वहीं, लोकसभा चुनाव में साथ रहे ओवैसी ने पिछले महीने ही प्रकाश अंबेडकर का साथ छोड़ दिया है।

कांग्रेस एनसीपी के लिए हमारे दरवाजे बंद
पवार के प्रस्ताव पर आंबेडकर ने दो टूक कहा कि कांग्रेस-एनसीपी के लिए उनकी पार्टी के दरवाजे बंद हैं। हमारी पार्टी एआईएमआईएम की वापसी का स्वागत करेगी, लेकिन एनसीपी से गठबंधन संभव नहीं। हम सभी 288 सीटों पर लड़ने की तैयारी में हैं। उम्मीदवारों और सहयोगी दलों की घोषणा 26 सितंबर तक हो जाएगी। अंबेडकर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस वीबीए को भाजपा की टीम बी बताती थी, लेकिन सच यह है कि अपने नेताओं के खिलाफ जांच रुकवाने के लिए कांग्रेस खुद भाजपा को मदद कर रही है।

निजी कारणों से नहीं लिया पद : दर्डा
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता राजेंद्र दर्डा ने सोमवार को कहा कि वह पार्टी के साथ हैं। उन्होंने निजी कारणों से पार्टी में पद लेने से मना किया है। दर्डा ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है। मुझे तीन महीने पहले पार्टी की मीडिया और संचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन मैंने व्यक्तिगत कारणों से पद नहीं लिया। मैंने इसकी जानकारी जुलाई में ही पार्टी नेतृत्व को दे दी थी।

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