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एन 24 परगना जिले में तीन तृणमूल कार्यकर्ताओं की मौत, जानें पूरा मामला

कोलकाता : उत्तर 24 परगना जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में पिछले 24 घंटों में तृणमूल कांग्रेस के तीन कार्यकर्ताओं मौत हो गई । पहली घटना बुधवार रात मीनाखान के तंगरामरी गांव में एक महिला समेत दो तृणमूल के दो कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी गयी । यह घटना तंगरामरी के बछरा मोहनपुर पंचायत क्षेत्र में बुधवार को पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के वर्जुअल संबोधन के प्रसारण के बाद हुई । मृतकों की पहचान लक्ष्मीबाला देवी (60) और संन्यासी सरदार (28) के रूप में हुई है ।

हरोआ थाने में दर्ज शिकायत में नामजद 31 में से कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है । पुलिस ने इलाके से 3 फायरआर्म्स और कई राउंड गोला बारूद बरामद करने का दावा किया है । आरोपियों को गुरुवार को बशीरहाट अनुमंडल न्यायालय में पेश किया गया । न्यायाधीश ने उनमें से 5 को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया जबकि अन्य 16 को जेल हिरासत में भेजा गया है । आरोपियों में कई तृणमूल नेता भी शामिल है।

एक अधिकारी ने कहा कि घटना में दो लोगों की मौत हो गई है और कुछ अन्य घायल हो गए हैं । वही कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि बाकी को पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है ।

घटना में घायल हुए 5 लोगों का आयोजन कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था । इसके साथ यह भी कहा गया कि तपन राय और क्षेत्र अध्यक्ष योगेश्वर प्रमाणिक के समर्थकों में झड़प हो गई थी । बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में तालाब है, जहां मछलियां पाई जाती और स्थानीय लोग अक्सर इन निकायों के नियंत्रण के लिए लड़ते हैं । इलाके में स्थिति दिनभर तनावपूर्ण बनी हुई है ।

वहीं एक अन्य घटना में उत्तर 24 परगना के निमटा थाना क्षेत्र के बिरती में बुधवार रात 38 वर्षीय तृणमूल कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई । मृतक की पहचान उत्तरी दमदम नगर पालिका के वार्ड संख्या 18 में सक्रिय तृणमूल कार्यकर्ता सुवराजित दत्ता के रूप में हुई है। सूत्रों के अनुसार बाइक सवार हमलावरों ने उन पर उस समय हमला किया । जब वह तृणमूल के वार्ड कार्यालय से घर जा रहे थे । हमलावर दत्ता को गोली मारकर मौके पर फरार हो गए । एक अधिकारी ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है । उसके शरीर पर चार-पांच गोली लगने के निशान थे।

वही मामले में सियासत भी शुरू हो गई है । भाजपा ने दावा किया कि तीनों मौतें सत्ताधारी पार्टी के भीतरी कलह का नतीजा थी । एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा कि टीएमसी ने उपद्रवियों को आश्रय दिया है और यह मौत उनके मतभेद और अंदरूनी कलह का परिणाम है।

वहीं बीजेपी की बातों को नकारते हुए तृणमूल विधायक चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि मैं उत्तर दमदम शीट 2016 में हार गई थी और 2021 में जीती । अगर इस क्षेत्र में अंदरूनी कलह होती तो मैं सीट नहीं जीतती । मेरे क्षेत्र के हर कार्यकर्ता ने एकजुट होकर पार्टी के लिए काम किया । मैं मामले में हो रही जांच को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी । पुलिस को यह पता लगाने देना चाहिए कि हत्या के पीछे कौन है । यहां कोई अंदरूनी कलह नहीं है । वहीं तृणमूल की निमटा अध्यक्ष ने कहा कि इस घटना के पीछे बीजेपी के हाथ है और घटना में शामिल सभी लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

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