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एसजीपीसी का शैक्षणिक ढांचा बदलेगा, होगी जाली डिग्री मामले की जांच –

08_11_2016-08sgpc1nशिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नए प्रधान जत्‍थेदार किरपाल सिंह बडूंगर ने एसजीपीसी के शैक्षणिक ढांचे में सुधार के संकेत दिए हैं। इसके लिए कई कदम उठाए जाएंगे।

चंडीगढ़, [निर्मल सिंह मानशाहिया]। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नए प्रधान जत्थेदार किरपाल सिंह बडूंगर ने ओहदा संभालने के बाद एसजीपीसी के शैक्षणिक ढांचे में सुधार का एजेंडा बनाया है। इस एजेंडे के अंतर्गत एसजीपीसी के कॉलेजों, स्कूलों के प्रिंसिपलों और शिक्षा अधिकारियों के बड़े स्तर पर तबादले और शैक्षणिक प्रबंधों में बड़ा फेरबदल किया जाएगा।

एसजीपीसी प्रधान ने कमेटी की ओर से चलाए जा रहे कॉलेजों-स्कूलों के प्रमुखों व शिक्षा निदेशायल के अफसरों के साथ बैठक की। उन्होंने बैठक में निदेशालय को अलग करने का आदेश दिया। इसके अलावा अलग खेल निदेशालय बनाने को भी कहा गया। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार किए जा सकेंगे।

कॉलजों के प्रिंसिपल और शिक्षा अधिकारी बदले जाएंगे,-प्रिंसिपलों के साथ जत्थेदार बडूंगर ने की मीटिंग

सूत्रों के अनुसार, जत्थेदार बडूंगर ने कॉलेजों में जाली डिग्रियों के सहारे भर्ती किए गए प्रोफेसरों के मामलों पर गंभीर नोटिस लेते हुए कॉलेज प्रिंसिपलों व शिक्षा अधिकारियों की जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा कि फर्जी व अन्य राज्यों के विश्वविद्यालय की डिग्रियों के सहारे भर्ती कच्चे व पक्के प्रोफेसरों की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी।

जत्थेदार बडूंगर ने शिक्षा निदेशक को सभी कॉलेजों व स्कूलों के स्टाफ की वरिष्ठता सूची बनाने, कई कई सालों से कच्चे तौर पर काम कर रहे प्रोफेसरों और अध्यापकों की सूचियां बनाने के अलावा वरिष्ठता सूची बना कर प्रोमोशन का केस उन्हें भेजने के आदेश दिए।

विद्यार्थियों को सिख सभ्याचार से जोड़ें

जत्थेदार बडूंगर ने कमेटी के अधीन चल रहे सभी कॉलेजों और स्कूलों में सिखी और सिख सभ्याचार को प्रफुल्लित करने के लिए कार्यक्रम बनाने, सभी प्रिंसिपलों को एक महीने में कम से कम एक बार स्टाफ मीटिंग करने और अधिक से अधिक विद्यार्थियों को सिख मूल्यों के साथ जोडऩे के लिए प्रोग्राम शुरू करने के लिए कहा।

इसके अलावा, मीटिंग में उच्च शिक्षा की संस्थायों की मौजूदा स्थिति के बारे में समीक्षा की और जायजा लिया। मीटिंग में कमेटी के जनरल सेक्रेटरी अमरजीत सिंह चावला, मुख्य सचिव हरचरन सिंह, शिक्षा निदेशक डॉ. धरमिंदर सिंह छोटा के अलावा कॉलेजों और स्कूलों के प्रिंसिपल भी शामिल हुए।

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