टॉप न्यूज़फीचर्डराज्य

एेसी यूनिवर्सिटी, 20 साल में नही बढ़ा एक भी STUDENT

mdsu-5552db3840ce7_lएजेन्सी/संभाग का एकमात्र महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय पिछले 20 वर्षों में कोई प्रगति नहीं कर पाया है। इसका खुलासा विवि में पिछले 20 वर्षों में एनरॉल हुए विद्यार्थियों की लिस्ट से हुआ। अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा व नागौर जिले में फैले 29 वर्ष पुराने विवि की पिछले 20 वर्षों में प्रगति रिपोर्ट शून्य है।

 1987 से अस्तित्व में आए मदस विवि में सन 1995 में लगभग 600 विद्यार्थी अध्ययनरत थे। जबकि वर्तमान में मात्र 1100 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, इनमें से लगभग 500 विद्यार्थी वे हैं जो गत वर्षों में खुले नए विभागों में अध्ययनरत हैं। एेसे में पिछले 20 वर्षों से चल रहे इन संकायों में सीटों की बढ़ोतरी नही हुई है। इससे साफ जाहिर होता है कि विवि 20 वर्ष बाद भी मदस विवि वहीं का वहीं है। जबकि अन्य विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों की तुलना में यह काफी कम है।

नहीं बढ़ी सीटें

राजस्थआन पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि तो वर्ष 1995 में विवि के 5 संकायों के 11विभागों में 600 विद्यार्थी हुआ करते थे। जबकि वर्तमान में विवि के इन्ही 5 संकायों के 11 विभागों में भी लगभग 600 विद्यार्थी ही अध्ययनरत हैं। एेसे में वर्षों से विवि में चल रहे पर्यावरण, कम्प्यूटर साइंस, बॉटनी, रसायन विज्ञान, रिमोट सेंसिंग, कॉमर्स, मैनेजमेंट, अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीतिक विज्ञान व जनसंख्या अध्ययन विभागों में विद्यार्थियों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। वर्तमान में लघु व्यवसाय एवं उद्यमिता केन्द्र, पत्रकारिता, विद्या अध्ययन, शिक्षा, वैदिक विज्ञान, योगा विज्ञान विभागों में लगभग 400-500 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।

… फिर भी ये हाल

मदस विवि अजमेर संभाग में किसी भी किस्म का एकमात्र विवि है, इसके बावजूद विवि में विद्यार्थियों की रुचि नही है। जबकि जयपुर, जोधपुर, उदयपुर जैसे अन्य शहरों में 4-5 विवि हैं, लेकिन वे विवि प्रगति कर रहे हैं। शिक्षकों की कमी, समय के साथ नही चलने व स्थानीय विद्यार्थियों को आकर्षित नही कर पाने के चलते मदस विवि प्रगति नहीं कर पाया है। वर्तमान में मौजूद विद्यार्थियों में से भी विवि में अजमेर शहर के स्थानीय विद्यार्थी महज 20 प्रतिशत हैं।

विभाग बढ़े मगर विद्यार्थी नहीं

विवि में वर्तमान में 13 संकायों में 23 विभाग हैं जबकि सन 1995 में 5 संकायों में 11 विभाग हुआ करते थे। बीस वर्षों में 8 संकायों में 12 विभाग बढऩे के बावजूद मदस विवि प्रगति नहीं कर पाया। 20 वर्षों में विवि के विद्यार्थियों का ग्राफ लगातार बढ़ता गिरता रहा। वर्तमान में अध्ययनरत 1100 विद्यार्थियों में से लगभग 400 विद्यार्थी वे हैं जो गत वर्ष शुरू हुए 10 नए पाठ्यक्रमों के चलते विवि में आए हैं।

एेसे समझे

विवि/महाविद्यालय – सन 1995-96 में विद्यार्थी – सन 2015-16 में विद्यार्थी

राजस्थान विवि जयपुर- लगभग 18000 – लगभग 32000

जयनारायण व्यास विवि जोधपुर- लगभग 7500 – लगभग 20000

एमएलएसयू विवि उदयपुर- लगभग 3000 – लगभग 10000

सम्राट पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय अजमेर- लगभग – 4500 लगभग 8500

राजकीय कन्या महाविद्यालय अजमेर- लगभग 350 – लगभग 3000

एमडीएस विवि अजमेर- लगभग 600 – लगभग 1100

इनका कहना है

शिक्षकों की कमी व स्नातक कोर्सेज नही होने के चलते मदस विवि तेज गति से प्रगति नहीं कर पाया। शिक्षकों की कमी के चलते स्नात्तक कोर्सेज शुरू नही हो पाए। शिक्षकों की भर्ती हो तो विवि की प्रगति हो सके।

Related Articles

Back to top button