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चुनाव से पहले यूपी में ‘प्रतिमा-पॉलिटिक्स’, योगी के राम, अखिलेश-माया के ‘परशुराम’

अमरेन्द्र प्रताप सिंह

लखनऊ, 13 अगस्त, दस्तक टाइम्स (अमरेन्द्र प्रताप सिंह) :  यूपी के अयोध्या में राम मंदिर के पास सरयू किनारे योगी सरकार भगवान राम की मूर्ति बनवा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सैफई में भगवान् कृष्ण की मूर्ति स्थापित करने में लगे हैं, वहीं बसपा मुखिया मायावती फिलहाल मूर्ति तो अपनी लगवा रही हैं, परन्तु मांग वे भगवान परशुराम की प्रतिमा लगवाए जाने की कर रही हैं। इस तरह मूर्तियों की यह नयी और अजब सियासत यूपी में जोरों पर है। 

यूपी विधानसभा चुनाव में करीब पौने दो साल का समय है। लेकिन राजनीतिक दलों ने तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ने के बाद सपा और बसपा ब्राह्मण वोट बैंक को लेकर राजनीति कर रहे हैं। श्रीराम और भगवान परशुराम पर बयान दिए जा रहे हैं। इसी के साथ यूपी की राजनीति में विपक्ष को इस बार मूर्तियों की राजनीति का बड़ा सहारा दिख रहा है। शायद इसी सियासत के तहत अचानक बहुजन समाज पार्टी ने भगवान परशुराम की मूर्ति के साथ-साथ उनकी जयंती पर सरकारी अवकाश की मांग उठाई है।

एक ओर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के मूर्ति प्रेम से तो सभी वाकिफ है। यह प्रेम इस हद तक है कि कोर्ट-कचहरी तक पहुंचने के बावजूद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यूपी की राजनीति में शायद वह पहली ऐसी नेता है जिसने अपने जीवनकाल में स्वयं अपनी मूर्ति बनवाई। अब एक बार फिर सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियों के जरिए मायावती का मूर्ति प्रेम सामने आया है। वायरल वीडियों के मुताबिक इस बार बसपा सुप्रीमों ने अपनी एक नहीं बल्कि तीन मूर्तियों को बनवाया है और इन्हे राजधानी लखनऊ के लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित बहुजन प्रेरणा स्थल पर रखा गया है।

वहीं दूसरी ओर इनके साथ अब सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपना प्रेम स्नेह मूर्तियों के साथ दिखाने में जुट गए हैं,  राम पर जारी सियासत के बीच अखिलेश यादव श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ नज़र आए। दरअसल, कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वो पत्नी डिंपल यादव के साथ मौजूद हैं। पीछे श्रीकृष्ण की एक बड़ी-सी मूर्ति दिख रही है, जो अखिलेश यादव अपने परिवार के पैतृक गांव सैफई में बनवा रहे हैं। अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘जय कान्हा जय कुंजबिहारी जय नंद दुलारे जय बनवारी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की सबको अनंत शुभकामनाएं’।

संगमरमर से निर्मित सफेद प्रतिमाएं, हाथ में बैग पकड़े मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के शासनकाल में मूर्ति प्रेम के कारण देश भर में चर्चा का केन्द्र रहीं पार्टी प्रमुख मायावती अपनी तीन प्रतिमाओं को लखनऊ स्थित बहुजन समाज प्रेरणा केंद्र में स्थापित करा रही हैं। बता दें कि संगमरमर से निर्मित सफेद प्रतिमाओं को बहुजन समाज प्रेरणा केन्द्र में स्थापित किया जा रहा है। हाथ में बैग पकड़े मायावती की इन प्रतिमाओं को लगाने का काम पिछले कई रोज से चल रहा था लेकिन किसी की निगाह इस पर नहीं पड़ी थी। लेकिन स्थापना के लिए जब इन प्रतिमाओं को खुले में लाया गया, तब बसपा प्रमुख के दशक बाद जागे मूर्ति प्रेम से लोगबाग एक बार फिर रूबरू हुये।

राम पर सियासत के वक्त यदुवंशी कृष्ण का सहारा

राम मंदिर की नींव पड़ गई है तो बीजेपी को 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा मुद्दा मिल गया है। जो वादा बीजेपी दशकों से कर रही थी, वो पूरा हो रहा है। राम नाम की सियासत के बीच अखिलेश यादव ने अलग रास्ता पकड़ा और यदुवंश के कहलाए जाने वाले कृष्ण की मूर्ति पर काम आगे बढ़ाया। सपा ने अपने वोटबैंक को मजबूत करने के लिए कृष्ण का सहारा ले लिया है।

कुछ वक्त पहले ही अखिलेश ने सैफई में कृष्ण की मूर्ति बनाने का ऐलान किया था, जो अब लगभग बन चुकी है। मूर्ति करीब 51 फीट ऊंची है, जिसमें कृष्ण रथपाणी की मुद्रा में दिखाई पड़ रहे हैं। मूर्ति का वजन करीब 60 टन है, जिसे सैफई के एक स्कूल के प्रांगण में बनाया जा रहा है। मूर्ति के आसपास कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत के युद्ध जैसा स्वरूप दिया जाएगा। जिसमें कृष्ण हाथ में चक्र लिए हुए संबोधन कर रहे हैं।

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