अजब-गजब

ऐसा मंदिर जहाँ होती है बाइक की पूजा, लाखो भक्त करते है दर्शन

आप लोग कभी भी मंदिर जाते है तो आप वहां भगवान की पूजा करते होंगे ना लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे है जहां भगवान या किसी मूर्ति की नहीं बल्कि एक मोटरसाइकिल की पूजा की जाती है. जी हाँ… इस दुनिया में एक ऐसी भी जगह है जहां लोग भगवान की नहीं बल्कि बाइक की पूजा करते है. और वो भी कोई ऐसी-वैसी बाइक नहीं बल्कि बुलेट की पूजा की जाती है.ऐसा मंदिर जहाँ होती है बाइक की पूजा, लाखो भक्त करते है दर्शन

यहाँ सभी लोग बुलेट के सामने अपना मत्था टेककर दुआ मांगते है. ये जगह है राजस्थान के पाली में. यहाँ आपको सभी लोग बुलेट की पूजा करते हुए तो दिख ही जाएंगे. यहाँ एक मंदिर है जिसका नाम ओम बन्ना मंदिर है. इस मंदिर में आपको किसी भगवान की मूर्ति नहीं बल्कि बुलेट रखी हुई दिखी जिसकी लोग पूजा कर रहे होंगे. दरअसल यहाँ 5 मार्च 1965 को ठाकुर ओम सिंह राठौड़ का जन्म हुआ था. उन्हें यहाँ के लोग ओम बन्नासा कहकर बुलाते थे. ओम बन्नासा को बुलेट का बहुत शौक था. वो हमेशा अपनी बुलेट का ध्यान रखते थे कभी उसे अपने से दूर नहीं होने देते थे. ओम बन्नासा अपनी बाइक को जान से भी ज्यादा प्यार करते थे.

एक बार बन्नासा अपनी बाइक से पत्नी के ससुराल उससे मिलने गए थे. शाम को घर लौटते समय उन्हें देर हो गई तो उन्होंने अपनी बाइक स्पीड में बढ़ाई. आगे एक अँधा मोड़ था ओम बन्नासा को मोड़ दिखा नहीं और उनका एक्सीडेंट हो गया. पुलिस ने केस बनाकर ओमबन्ना सा की बाइक पुलिस स्टेशन में रख ली और उनकी लाश घर पंहुचा दी लेकिन अगले ही दिन थाने से ओम बन्नासा की बाइक गायब हो गई. लेकिन फिर उस जगह मिली जहां ओम बन्नासा का एक्सीडेंट हुआ था जिसके बाद पुलिस बाइक को फिर थाने ले आई लेकिन अगले दिन फिर बाइक थाने से गायब हो गई. और उसी जगह पर पड़ी मिली.

पुलिस को लगा बाइक चोर ले जाते है तो उन्होंने इस बार बाइक का सारा पेट्रोल निकालकर उसमे मोटी सी चैन बांध दी, लेकिन अगले दिन फिर बाइक गायब मिली. तब गांववालों को लगा कि ये ओम बन्नासा की आत्मा ही है जो बाइक गायब कर रही है. इसलिए गांव वालो ने बाइक की एक स्मारक बनाने के फैसला लिया. फिर ये स्मारक एक मंदिर के तौर पर स्थापित हो गई और अब यहाँ से निकालने वाले सभी लोग सिर झुकाकर गुजरते है, खास बात तो ये है कि ओम बन्नासा की बाइक के शराब की बोतले का प्रसाद चढ़ाना भी जरुरी है इसके बाद ही इंसान यहाँ से आगे बढ़ता है.

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