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ऐसे शहीद हुए थे गुरमेहर कौर के पिता कैप्टन मनदीप सिंह….

आज दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा गुरमेहर कौर को भले ही रेप करने की धमकी मिल रही है लेकिन गुरमेहर तब महज दो साल की थीं जब उनके पिता कैप्टन मनदीप सिंह आतंकियों का सामना करते हुए देश के लिए शहीद हो गए थे|

जान‌िए कैसे….

बात साल 1999 की है जब पाक घुसपैठियों ने जम्मू में राष्ट्रीय रायफल्स के कैंप पर हमला कर दिया था। गुरमेहर के पिता अमनदीप सिंह अपने कैंप के बचाने के लिए आतंकियों के सामने दीवार बन के खड़े हो गए। गोलीबारी में आखिर अमनदीप शहीद हो गए।

अमनदीप के साथ छह जवान भी इस मुठभेड़ में शहीद हो गए। महज आठ साल पहले 1991 में अमनदीप ने सेना में अपनी नौकरी शुरु की थी। उनकी पहली नियुक्ति एयर डिफेंस की 49वीं बटालियन में हुई थी। 
हालांकि 6 अगस्त 1999 को जब कारगिल में वो आतंकियों का सामना कर रहे थे तो वो 4 राष्ट्रीय रायफल्स की बटालियन को लीड कर रहे थे। पांच अगस्त की आधीरात घुसपैठियों ने कुपवाड़ा के चक गांव पर हमला कर दिया। उस गांव के ही नजदीक कैप्टन मनदीप सिंह की बटालियन का डेरा था। घुसपैठियों ने उनकी बटालियन पर हमला कर दिया।

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