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ओलंपिक (मुक्केबाजी) : लवलीना सेमीफाइनल में, कांस्य मिलना तय

टोक्यो: भारत की महिला मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन यहां जारी टोक्यो ओलंपिक के 69 किग्रा भार वर्ग, जिसे वेल्टरवेट कटेगरी भी कहा जाता है, के सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं। इस तरह असम की इस मुक्केबाज ने देश के लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया है। कुकुगिकान एरेना में लवलीना का सामना ताइवान की नेन चिन चेन से हुआ, जहां वह 4-1 से विजयी रहीं।

मुकाबले से पहले चेन को जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन लवलीना ने शुरू से ही आक्रामक रुख अपनाया और पहले राउंड में 30-27 से विजय पायी और दुसरे राउंड को एकमत से जीत लिया। अंत में भारत की मुक्केबाज को स्प्लिट निर्णय से विजयी घोषित किया गया और उन्होंने सेमिफाइनल में अपनी जगह बनायी।

विश्व चैंपियनशिप और एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीत चुकी लवलीना भारत के लिए ओलंपिक मुक्केबाजी में पदक सुनिश्चित करने वाली दूसरी महिला और तीसरी मुक्केबाज हैं। इससे पहले एमसी मैरीकोम (लंदन ओलंपित)और विजेंदर सिंह (2008 बीजिंग ओलंपिक) ने भारत के लिए कांस्य पदक जीते हैं। रेड कार्नर में खेल रहीं लवलीना पहला राउंड थोड़ा मुश्किल रहा क्योंकि इस राउंड में तीन जजों ने उन्हें बेहतर आंका जबकि दो जजों ने चेन को बेहतर आंका।

दूसरे राउंल में असम को लोहाघाट की इस मुक्केबाज ने अपने खेल का स्तर उठाया और सभी जजों को प्रभावित करने में सफल रहीं। तीसरे राउंड में चेन को ताजिकिस्तान के जज मंसूर मुहिदिनोव ने बेहतर आंका। शेष जजों का फैसला लवलीना के हक में रहा। मंसूर ने पहले राउंड में भी चेन को बेहतर अंक दिए थे।

लवलीना ने इससे पहले मंगलवार को खेले गए अंतिम-16 राउंड के मुकाबले में जर्मनी की एदिन एपेट को 3-2 से हराया था। सेमीफाइनल में लवलीना का सामना तुर्की की सुर्मेनेली बुसेनाज से होगा और यह मुकाबला जीतने के साथ वह अपने लिए कम से कम रजत पक्का कर सबसे सफल ओलंपिक मुक्केबाज बन सकती हैं।

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