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ओलिंपिक से लौटे भारतीय खिलाड़ियों का एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत, सरकार ने भी किया सम्मान

ओलिंपिक में जाने वाले भारतीय खिलाड़ी लगातार निराश करते रहे हैं, लेकिन जब टोक्यो ओलिंपिक से हमारे खिलाड़ी सबसे बड़ा कमाल दिखाकर लौटे तो भारत ने अपने खिलाड़ियों को कंधे पर बिठा लिया. आज हम इसका विश्लेषण करेंगे कि एक मेडल की कीमत क्या होती है. देश को आज सात मेडल पाने के बाद फख्र क्यों करना चाहिए और सात मेडल से आगे बढ़ने का रास्ता कितना कठिन है. शुरुआत करते हैं हिंदुस्तान के मेडलवीरों के ग्रैंड वेलकम से. टोक्यो ओलिंपिक के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा, रेसलर रवि दहिया और बजरंग पूनिया, बॉक्सर लवलिना बोरगोहेन के अलावा पुरुष और महिला हॉकी प्लेयर्स का एयरपोर्ट पर सम्मान किया गया. दिल्ली एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी.

यहां बैंड-बाजे के साथ उनका स्वागत किया गया. भारत माता की जय के नारे लगाए गए तो एयरपोर्ट पर मेडलवीरों के साथ सेल्फी लेने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. सबकी नजर नीरज चोपड़ा पर टिकी थी और हर कोई उनकी एक झलक देख लेने के लिए बेताब था, लेकिन एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उनकी कोरोना जांच की गई और भीड़ को देखते हुए दूसरे रास्ते से बाहर निकाला गया. भारत ने टोक्यो ओलिंपिक में सात पदक झटके हैं और ये ओलिंपिक खेलों में अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इन पदक विजेताओं में शामिल हैं कुश्ती के खिलाड़ी बजरंग पूनिया, जो आज भारतीय दल के साथ वापस लौटे.

बजरंग ने दिल्ली एयरपोर्ट के बाहर जैसे ही कदम रखा उनकी जयकारे लगाए जाने लगे. हजारों लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया. उनके स्वागत के लिए खड़े लोगों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया. इसके बाद बजरंग ओपन जीप में अपने कोच और पिता के साथ अशोका होटल के लिए निकले, जहां भारत सरकार ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया. टोक्यो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर वापस भारत लौटे रवि दहिया के लिए भी लोगों का जबर्दस्त उत्साह दिखा.

दहिया का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डा पर उनके प्रशंसकों के अलावा उनके परिवार वाले भी पहुंचे थे. इस प्यार और सम्मान को देखकर दहिया भावुक हो गए. हर बार ये सवाल उठता रहा है कि भारत जैसी बड़ी आबादी खेलों में फिसड्डी क्यों साबित होती है, लेकिन इंडियन टीम ने टोक्यो में जो खेल दिखाया है उससे उम्मीद जगने लगी है कि भारत भी स्वर्णिम युग की ओर बढ़ रहा है. टोक्यो ओलिंपिक हिंदुस्तान के इतिहास का सबसे सफल ओलिंपिक बना है और इसमें सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं जीतता बल्कि लाखों युवा जीतते हैं जो खिलाड़ी से प्रेरित होते हैं, खेल की ओर बढ़ते हैं और इस तरह एक स्वस्थ देश का निर्माण होता है.

आज खिलाड़ियों के लौटने के बाद खेल में उत्साह जगाने का ये प्रयास सरकारी स्तर पर भी दिखा. मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को दिल्ली के होटल अशोका में सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर शामिल हुए. साथ ही केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू भी उपस्थित रहे, जिन्हें खिलाड़ी अपना खास मददगार मानते हैं. खेल राज्य मंत्री निशीथ प्रामाणिक और इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा भी इसमें शामिल हुए. खिलाड़ियों का ये सम्मान आज पूरे देश ने देखा और इन तस्वीरों ने पूरे देश का जोश हाई कर दिया, लेकिन अब आपको इस ग्रैंड वेलकम और ग्रैंड वेलकम के पीछे की संघर्ष की कहानी भी देख लेनी चाहिए.

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