उत्तर प्रदेशलखनऊ

ओवैसी के बाद अखलाक के घरवालों से मिलने पहुंचे संस्कृति मंत्री, इलाके में धारा 144

1pm-dadri-mahesh-sharma-rहरदोई/लखनऊ/ दादरी: यूपी के दादरी में बीफ खाने की अफवाह फैलने के बाद पीटकर मार डाले गए अखलाक के परिवारवालों से मिलने एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के अलावा देश के संस्कृति मंत्री और नोएडा से सांसद महेश शर्मा भी पहुंचे। उन्होंने दोबारा से इस वारदात को हादसा करार दिया। महेश शर्मा ने कहा, “कुछ लोग इस घटना पर राजनीति कर रहे हैं। इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। ये एक दुखद घटना है। 70 साल से इस गांव में मुसलमान रह रहे हैं। अखलाक की मौत एक हादसा है, ये सुनियोजित घटना नहीं है।” उधर, शर्मा के गांव का दौरा करने के बाद दादरी इलाके में धारा 144 लगा दी गई।
 
गांववालों को किया संबोधित
शर्मा ने उस मंदिर के अंदर गांववालों को संबोधित किया, जहां से कथित तौर पर अखलाक के परिवार द्वारा गोमांस खाए जाने का एलान किया गया। शर्मा ने मीडिया पर ही ठीकरा फोड़ा। उन्होंने मीडिया पर आरोप लगाया कि उनकी बातों में कुछ खास शब्दों को पकड़कर तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश की जा रही है। शर्मा के मुताबिक, अगर वे कहते हैं कि यह हादसा नहीं साजिश थी, तो भी गलत है। इस मामले की जांच होनी चाहिए कि आखिर किस वजह से ऐसा हुआ और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए।
 
ओवैसी का मोदी पर निशाना
उधर, अखलाक के घरवालों से मिलने पहुंचे ओवैसी ने पीएम नरेंद्र मोदी और राज्य की सपा सरकार पर भी निशाना साधा। ओवैसी ने कहा, ”पीएम ने इस मर्डर पर कुछ नहीं कहा। अफसोस है कि उन्होंने आशा भोसले के बेटे की मौत पर ट्वीट करके दुख जताया, लेकिन अखलाक की मौत पर चुप रहे। हम तो उम्मीद कर रहे थे कि सबका साथ सबका विकास की बात कहने वाले पीएम इस मुद्दे पर ट्वीट करके जरूर कुछ कहेंगे।”
 
शर्मा के बयान पर बरसे
महेश शर्मा ने कई बार कह चुके हैं कि यह हादसा है और इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। शर्मा के इस बयान की आलोचना करते हुए ओवैसी ने कहा, ”इस तरह के वाकये होते हैं, तो सिर्फ बातें नहीं होनी चाहिए। ये हादसा नहीं, सुनियोजित हत्या है। मजहब के नाम पर कत्ल किया गया है। यह मांस पर नहीं, बल्कि मजहब के नाम पर हमला है।”
 
सपा सरकार को कोसा
राज्य की सपा सरकार पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, ”अफसोस है कि सपा सरकार कातिलों को पकड़ने के बजाए गोश्त की जांच करा रही है। इस मामले में पूरी जांच होनी चाहिए। दोषियों की गिरफ्तारी हो। दोषियों को ज्यादा से ज्यादा सजा मिलनी चाहिए। हालांकि, जिस तरह मुजफ्फरनगर के दंगों में रेप पीड़ित महिलाओं को अब तक इंसाफ नहीं मिला, हमें इसमें संदेह है कि समाजवादी हुकूमत इन लोगों को सजा दिला पाएगी।”
 
उपराष्ट्रपति ने कहा-सबको मिले जीने का हक
इस बीच, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अहम बयान दिया है। अंसारी ने कहा कि हर शख्स को जीने का अधिकार मिलना चाहिए। अंसारी के मुताबिक, प्रत्येक व्यक्ति के ‘जीने के अधिकार’ से ही कौमी एकता को ताकत मिलेगी और इसी से ही देश की तरक्की होगी। जानकार वाइस प्रेसिडेंट के इस बयान को दादरी में हुए मर्डर से जोड़कर देख रहे हैं। उधर, सीएम अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर इशारे ही इशारों में मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “संविधान हमारी धार्मिक किताब है और वह जाति और धर्म से अलग हटकर सभी को जीवन रक्षा का अधिकार देती है। जीने का अधिकार हर नागरिक का लक्ष्य होना चाहिए। हमें खुद से सवाल पूछना चाहिए कि कौमी एकता जैसे सम्मेलन क्यों करवाने पड़ रहे हैं।”
 
सीएम अखिलेश ने साधा निशाना
यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने कहा, ”कुछ लोग पिंक रेवोल्यूशन की बातें करते थे। वे आज सत्ता में हैं तो इसके एक्सपोर्ट पर बैन क्यों नहीं लगाते।” अखिलेश ने आगे कहा, ”अफवाहों में होता कुछ नहीं है, लेकिन अफवाहों से होता बहुत कुछ है।” उधर, यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कहा कि गाय और सूअर के मीट को लेकर कानून बनना चाहिए। इन मीटों की वजह से मंदिर और मस्जिद के झगड़े होते हैं। सरकार को कड़े कानून लाने चाहिए। यूपी में भले ही समाजवादी पार्टी की सरकार हो, लेकिन आजम खान ने इसके लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराया था। आजम ने कहा था कि मोदी को अपने वॉलन्टियर्स को ऐसी हरकतें करने से रोकना चाहिए।
क्या है पिंक रेवोल्यूशन
आम चुनाव से पहले कैंपेन के दौरान मोदी ने केंद्र की तत्कालीन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि बूचड़खाने चलाने वालों और बीफ एक्सपोर्ट करने वालों को यूपीए सरकार सब्सिडी और टैक्स में छूट दे रही है। मोदी के मुताबिक, देश हरित या श्वेत क्रांति चाहता है, लेकिन दिल्ली की सरकार सिर्फ पिंक रेवोल्यूशन चाहती है। जानवर को जब काटा जाता है तो उसके मांस का रंग पिंक होता है।

 

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