राजनीति

औवेसी और उसके वर्कर्स से क्‍यों डरी है सपा सरकार?

asaduddin_owaisi_getty_211016नई दिल्‍ली। यूपी विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही सूबे की सियासत में खलबली मच गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्‍तेहाद उल मुस्‍लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी सूबे में दस्‍तक दे दी है। मौजूदा हालात चुनावों में किसी बड़े बदलाव का इशारा दे रहे हैं। कुछ नई और छोटी पार्टियां बड़ा उलटफेर कर सकती हैं। एआईएमआईएम और सपा के बीच चल रही रस्‍साकशी तो यही इशारा कर रही है। क्‍या सपा सरकार एआईएमआईएम से डरी हुई है। अभी तक सपा सरकार एआईएमआईएम अध्‍यक्ष को अनुमति न देकर यूपी में 28 जगहों पर जनसभाएं करने से रोक चुकी है।

यूपी की सियासत में अपने पैर जमाने के लिए एआईएमआईएम जी-जान से जुटी हुई है। एक के बाद एक यूपी के बड़े जिलों में सभाएं कर रही है या फिर कोशिश में लगी हुई है। दो दर्जन से अधिक जिलों में एआईएमआईएम को जनसभाएं करने की अनुमति नहीं मिली है। लॉ एण्‍ड ऑर्डर खराब होने का हवाला देते हुए सपा सरकार ने एआईएमआईएम अध्‍यक्ष असदउद्दीन औवेसी के कदम रोक दिए हैं। एआईएमआईएम के यूपी अध्‍यक्ष शौकली अली ने बताया कि हम किसी भी जिले में अध्‍यक्ष की जनसभा करने से 25 दिन पहले अनुमति लेने के लिए प्रार्थना पत्र देते हैं। लेकिन ऐन वक्‍त पर प्रशासन जनसभा करने की अनुमति नहीं देता है।अभी तक सपा सरकार एआईएमआईएम अध्‍यक्ष को अनुमति न देकर यूपी में 28 जगहों पर जनसभाएं करने से रोक चुकी है।

अभी तक प्रशासन हमें 28 जगहों पर जनसभा की अनुमति न देकर रोक चुका है। यूपी के चार जिलों में हम जनसभा कर चुके हैं। एक जिले में अनुमति न मिलने पर रोड शो किया गया था। सपा सरकार हमारे बढ़ते जनाधार से घबरा रही है। उसे चुनावों में एआईएमआईएम से खतरा है। अगर ऐसा नहीं होता तो सरकार हमे जनसभाएं करने से नहीं रोकती। जबकि देश का संविधान सभी को बोलने और देश में कहीं भी जाने की अनुमति देता है।

एआईएमआईएम के जिलाध्‍यक्ष से घबराई सरकार

एआईएमआईएम के आगरा जिलाध्‍यक्ष मौहम्‍मद इदरीस ने मार्च में पार्टी अध्‍यक्ष असदउद्दीन औवेसी की एक जनसभा आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी। प्रशासन ने अनुमति दे दी थी, लेकिन बाद में अचानक से दी गई अनुमति निरस्‍त कर दी। इसके बाद जिलाध्‍यक्ष ने खुद की सभाएं करने की अनुमति मांगी तो वो भी देने से प्रशासन ने इंकार कर दिया। पूछने पर वजह भी नहीं बताई। जिसके बाद जिलाध्‍यक्ष ने आरटीआई के जरिए अनुमति न देने की वजह जाननी चाही तो पता चला कि प्रशासन को डर है कि जिलाध्‍यक्ष के आपत्‍तिजनक भाषणों से माहौल खराब हो सकता है। साथ ही अनुमति न देने का एक कारण यह भी गिनाया कि प्रदेश का मौजूदा राजनीतिक माहौल अभी इस लायक नहीं है कि अनुमति दी जाए।

Related Articles

Back to top button