नई दिल्ली : सड़क परिवहन और विमानन क्षेत्र से भारी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा रेलवे यात्रियों को लुभाने के लिए अब छूट का सहारा लेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शताब्दी, तेजस और गतिमान एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के किराये में 25 फीसदी तक की छूट देने की तैयारी है। टिकटों की बिक्री बढ़ाने के लिए यह फैसला किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि यह छूट एसी चेयरकार और एक्जीक्यूटिव चेयरकार के साथ सभी ऐसी ट्रेनों पर लागू होगा। इसमें चेन्नई सेंट्रल-मैसूर शताब्दी एक्सप्रेस, अहमदाबाद-मुंबई शताब्दी एक्सप्रेस और न्यू जलपाईगुड़ी-हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस शामिल नहीं हैं। इनमें मौजूदा डिस्काउंट स्कीम लागू होगी। वंदे भारत एक्सप्रेस पर भी छूट लागू होगी। इसमें भी एसी चेयरकार और ईसी सीटिंग व्यवस्था है। शर्त है कि ऑक्यूपेंसी 50 फीसदी से कम होने पर ही यह छूट मिलेगी। अधिकारी ने बताया कि बेस किराए पर छूट दी जाएगी। जीएसटी, रिजर्वेशन शुल्क, सुपरफास्ट किराया व अन्य शुल्क अलग से लगेंगे।
अधिकारी ने कहा कि पिछले साल जिन रेलगाडिय़ों में हर महीने औसतन आधे से कम सीट भर पाईं, उन्हीं ट्रेनों में यह छूट दी जाएगी। रेल मंत्रालय ने पहचानी गई ट्रेनों में छूट वाली योजना लागू करने का अधिकार जोन के प्रिंसिपल कमर्शियल मैनेजरों को देने का फैसला किया है। वैसे, मंत्रालय ने इसके लिए कुछ दिशानिर्देश तैयार किए हैं। अधिकारी के मुताबिक, मंत्रालय ने कहा है कि प्रतिस्पर्धा के आधार पर छूट वाला किराया तय होना चाहिए। यह छूट सफर के सभी चरणों में देने की मंजूरी दी है। अधिकारी की मानें तो मंत्रालय ने सालाना, अर्ध वार्षिक, मौसमी या साप्ताहांत आधार पर छूट देने की बात कही है। योजना लागू होने के बाद ट्रेन में ग्रेड डिस्काउंट या फ्लेक्सी फेयर जैसी कोई अन्य छूट लागू नहीं होगी।
रेलवे के जोनों को 30 सितंबर तक लो ऑक्यूपेंसी ट्रेनों की पहचान करने के लिए कहा गया है। मंत्रालय ने जोनों से ट्रेन की सीटों की बुकिंग बढ़ाने की कोशिश करने को कहा है। योजना लागू होने के चार महीने बाद जोनों को इसके कार्यान्वयन पर रिपोर्ट जमा करनी है।