राष्ट्रीय

बाबा रामदेव का फैन हुआ LOUIS VUITTON, अब पूरी दुनिया में बिकेगा पतंजलि प्रोडक्ट

भारत में स्वदेशी उत्पादों का झंडा बुलंद कर रहे बाबा रामदेव को फ्रांस के एक लग्जरी ब्रैंड के रूप में नया फैन मिल गया है। दुनिया भर में अपने लग्जरी उत्पादों के लिए इस ब्रांड को लुइस वेतन मोएट हेनेसी यानि LVMH के रूप में जाना जाता है। यह लग्जरी ब्रांड पतंजलि के उत्पादों को दुनियाभर में बिकता देखना चाहता है। कंपनी ने कहा है कि वह बाबा रामदेव के पतंजलि संग बिजनेस करना चाहेंगे। 

भारत में स्वदेशी उत्पादों का झंडा बुलंद कर रहे बाबा रामदेव को फ्रांस के एक लग्जरी ब्रैंड के रूप में नया फैन मिल गया है। दुनिया भर में अपने लग्जरी उत्पादों के लिए इस ब्रांड को लुइस वेतन मोएट हेनेसी यानि LVMH के रूप में जाना जाता है। यह लग्जरी ब्रांड पतंजलि के उत्पादों को दुनियाभर में बिकता देखना चाहता है। कंपनी ने कहा है कि वह बाबा रामदेव के पतंजलि संग बिजनेस करना चाहेंगे।   एल कैटर्टन एशिया के मैनेजिंग पार्टनर रवि ठाकरान ने बिजनेस अखबार इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा कि हम अगर कोई मॉडल ढूंढ पाएं तो उनके साथ जरूर बिजनस करना चाहेंगे।' हालांकि उन्होंने कहा, 'उनके मॉडल में मल्टिनैशनल और फॉरन इन्वेस्टमेंट की गुंजाइश नहीं है, ऐसा मुझे लगता है।'  LVMH की हिस्सेदारी वाला एल कैटर्टन प्राइवेट इक्विटी फंड अपने एशिया फंड में बची रकम के आधे यानी 50 करोड़ डॉलर (करीब तीन हजार करोड़) से पतंजलि में हिस्सेदारी खरीदने को तैयार है। पतंजलि पिछले कुछ वर्षों में देश की बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में शामिल हो गई है। उसने हिंदुस्तान यूनिलीवर, कोलगेट पामोलिव और डाबर जैसी ग्लोबल और लोकल कंपनियों को अपने आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो को विस्तार देने पर मजबूर कर दिया है।   ठाकरान ने बताया, पतंजलि ग्लोबल कंपनी बन सकती है। पतंजलि अपने प्रॉडक्ट्स अमेरिका, जापान, चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोप में भी बेच सकती है और एल कैटर्टन इसमें उसकी मदद करेगी। कंपनी में स्टेक लेना शायद संभव ना हो, लेकिन पतंजलि फंडिंग की तलाश में है। रामदेव ने खुद को एंटी-मल्टीनेशनल बिजनसमैन के तौर पर स्थापित किया है। वह स्वदेशी के हिमायत हैं और कुछ साल में उनकी कंपनी काफी बड़ी हो गई है।   हालांकि, पतंजलि के CEO आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हम कंपनी में हिस्सेदारी नहीं बेचना चाहते। उन्होंने कहा कि पतंजलि भारतीय करंसी में 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेना चाहती है। बालकृष्ण ने कहा कि कंपनी को बैंकों से कम रेट पर कर्ज मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसके लिए UBS ने कई विदेशी निवेशकों के साथ मीटिंग फिक्स की है। बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि में हिस्सेदारी नहीं बेची जाएगी। इसके बावजूद उन्होंने कहा कि वह एल कैटर्टन से बात करने को तैयार हैं।     बालकृष्ण ने कहा, दुनिया एक दूसरे की मदद करने से चलती है। हम अपनी शर्तों पर किसी तरह की मदद लेने को तैयार हैं। हम इक्विटी या शेयर बेचकर पैसा नहीं लेंगे, लेकिन जब देश तरक्की के लिए विदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है और अगर विदेशी पैसा आता है तो हम अपनी शर्तों पर उसे स्वीकार करने को तैयार हैं।' ठाकरन के मुताबिक पतंजलि की वैल्यू अभी 5 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा कि हम कंपनी को भारत से बाहर ब्रांड क्रिएट करने में मदद करना चाहते हैं।   आपको बता दें कि फैशन की दुनिया में लुईस वेतन को सबसे लग्जरी और महंगे ब्रांडो में गिना जाता है, जबकि मोएट हेनेसी दुनिया की सबसे महंगी शराब बनाने के लिए मशहूर है। इन दोनों दिग्गज ब्रांड ने मिलकर एक कंपनी बनाई जिसे LVMH के रूप में जाना जाता है।

एल कैटर्टन एशिया के मैनेजिंग पार्टनर रवि ठाकरान ने बिजनेस अखबार इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा कि हम अगर कोई मॉडल ढूंढ पाएं तो उनके साथ जरूर बिजनस करना चाहेंगे।’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘उनके मॉडल में मल्टिनैशनल और फॉरन इन्वेस्टमेंट की गुंजाइश नहीं है, ऐसा मुझे लगता है।’

LVMH की हिस्सेदारी वाला एल कैटर्टन प्राइवेट इक्विटी फंड अपने एशिया फंड में बची रकम के आधे यानी 50 करोड़ डॉलर (करीब तीन हजार करोड़) से पतंजलि में हिस्सेदारी खरीदने को तैयार है। पतंजलि पिछले कुछ वर्षों में देश की बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में शामिल हो गई है। उसने हिंदुस्तान यूनिलीवर, कोलगेट पामोलिव और डाबर जैसी ग्लोबल और लोकल कंपनियों को अपने आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो को विस्तार देने पर मजबूर कर दिया है। ठाकरान ने बताया, पतंजलि ग्लोबल कंपनी बन सकती है। पतंजलि अपने प्रॉडक्ट्स अमेरिका, जापान, चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोप में भी बेच सकती है और एल कैटर्टन इसमें उसकी मदद करेगी। कंपनी में स्टेक लेना शायद संभव ना हो, लेकिन पतंजलि फंडिंग की तलाश में है। रामदेव ने खुद को एंटी-मल्टीनेशनल बिजनसमैन के तौर पर स्थापित किया है। वह स्वदेशी के हिमायत हैं और कुछ साल में उनकी कंपनी काफी बड़ी हो गई है।

हालांकि, पतंजलि के CEO आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हम कंपनी में हिस्सेदारी नहीं बेचना चाहते। उन्होंने कहा कि पतंजलि भारतीय करंसी में 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेना चाहती है। बालकृष्ण ने कहा कि कंपनी को बैंकों से कम रेट पर कर्ज मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसके लिए UBS ने कई विदेशी निवेशकों के साथ मीटिंग फिक्स की है। बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि में हिस्सेदारी नहीं बेची जाएगी। इसके बावजूद उन्होंने कहा कि वह एल कैटर्टन से बात करने को तैयार हैं। बालकृष्ण ने कहा, दुनिया एक दूसरे की मदद करने से चलती है। हम अपनी शर्तों पर किसी तरह की मदद लेने को तैयार हैं। हम इक्विटी या शेयर बेचकर पैसा नहीं लेंगे, लेकिन जब देश तरक्की के लिए विदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है और अगर विदेशी पैसा आता है तो हम अपनी शर्तों पर उसे स्वीकार करने को तैयार हैं।’ ठाकरन के मुताबिक पतंजलि की वैल्यू अभी 5 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा कि हम कंपनी को भारत से बाहर ब्रांड क्रिएट करने में मदद करना चाहते हैं।  आपको बता दें कि फैशन की दुनिया में लुईस वेतन को सबसे लग्जरी और महंगे ब्रांडो में गिना जाता है, जबकि मोएट हेनेसी दुनिया की सबसे महंगी शराब बनाने के लिए मशहूर है। इन दोनों दिग्गज ब्रांड ने मिलकर एक कंपनी बनाई जिसे LVMH के रूप में जाना जाता है।

 

Related Articles

Back to top button