नई दिल्ली: अब कपड़ों की कशीदाकारी और सिलाई के लिए अधिक कर नहीं देना होगा। जीएसटी परिषद ने इस पर कर की दर को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। पहले इस कार्य पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स 18 प्रतिशत लिया जाता था। यही नहीं ट्रैक्टर के कलपुर्जों पर जीएसटी की दर में कटौती हुई है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक शनिवार को हुई।
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जीएसटी परिषद की अगली बैठक नौ सितंबर को हैदराबाद में होगी इस बैठक में कई चावल मिलों के मुद्दे पर विचार किया जा सकता है। चावल मिल अपने ब्रांड का पंजीकरण रद्द करवा रहीं हैं। वे प्रयासरत हैं कि वे जीएसटी के प्रावधानों से बच सकें। शनिवार को हुई बैठक में माल एवं सेवाकर जीएसटी परिषद की बैठक में कपड़ा क्षेत्र में सिलाई, बुनाई से कढ़ाई आदि जाॅब वर्क पर जीएसटी की दर को 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इस दर को घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है। पहले यह दर 18 प्रतिशत थी।
गौरतलब है कि शाॅल, कालीन और अन्य परिधारों पर भी जीएसटी की 5 प्रतिशत की दर ही लागू होगी। जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्णय लिया गया कि ट्रैक्टर के कुछ पार्टस पर दर में कमी की जाएगी। खेती के कार्य में लिए जाने वाले टूल्स को जीएसटी परिषद ने सस्ता किया है। जिसके तहत इन पर दर 18 प्रतिशत की गई है पहले ये 28 प्रतिशत के दायरे में था। मिली जानकारी के अनुसार जीएसटी परिषद ने कहा कि जो परमिट जारी किया जाएगा उसके अंतर्गत एक दिन में 100 किलोमीटर तक माल का परिवहन किया जा सकेगा।
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जिसके बाद प्रत्येक दिन में इतनी ही दूरी में माल परिवहन हो सकेगा।केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद ने 50 हजार रूपए से अधिक के दाम वाले सामान पर 10 किलोमीटर से अधिक दूरी पर इसे ले जाने से पहले आॅनलाईन पंजीकरण करने का नियम जारी किया है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बताया कि 71 लाख से ज्यादा केंद्रीय और राज्य स्तरीय करदाता पुरानी व्यवस्था से निकलकर जीएसटी व्यवस्था में आ गए हैं। पंजीकरण कार्य को पूरा करने के अलावा 15.67 लाख नए आवेदन पंजीकरण हेतु मिले हैं। केंद्रीय वित्तमंत्री ने कारोबारियों और उद्य ोगपतियों से जीएसटी की घटी दर का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुॅंचाने की अपील की है।