राखी के त्योहार को मनाने के लिए हरियाणा के एक छोटे से गांव ने एक नई पहल की हैं।बता दें गांव की महिलाओं ने INDIA-अमेरिका के रिश्तें को और मजबूत बनाने के लिए इस पहल की शरूआत की है।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही रक्षा बंधन के त्योहार के बार में कुछ भी नहीं जानते हों, लेकिन हरियाणा के एक मुस्लिम बहुल गांव की महिलाओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 1,001 राखियां भेजी हैं। एक एनजीओ ने इस गांव का नाम प्रतीकात्मक रूप से ट्रंप के नाम पर रखा है। गांव को गोद लेने वाले एनजीओ ने कहा कि पिछड़े मेवात क्षेत्र के मरोरा गांव के लोगों का यह कदम भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों के और मजबूत होने की भावना को व्यक्त करता है।
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यह गांव तब सुर्खियों में आया था, जब इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन (एसआईएसएसओ) के प्रमुख बिंदेश्वर पाठक ने इसका नाम ‘ट्रंप्स गांव’ रखने का ऐलान किया था। जिला प्रशासन ने बाद में कहा था कि गांव का नाम बदलने का कदम अवैध है, जिसके बाद संगठन के सदस्यों को नए नाम का बोर्ड हटाना पड़ा था। इस गांव की आबादी 1,800 है और यह पुनहाना तहसील के अंतर्गत आता है। यह गुड़गांव से करीब 60 किलोमीटर दूर है।
एनजीओ की उपाध्यक्ष मोनिका जैन ने कहा कि गांव की छात्राओं ने ट्रंप की फोटो वाली 1001 एक राखियां बनाई हैं और नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाली 501 राखियां बनाई हैं। गांव की महिलाएं एवं लड़कियां उन्हें अपने बड़े भाइयों के तौर पर मानती हैं।
राखियों को शुक्रवार को भेजा गया, ताकि ये 7 अगस्त को रक्षा बंधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति तक पहुंच सकें। इसके अलावा ग्रामीण दोनों नेताओं को गांव की यात्रा करने के लिए निमंत्रण भी भेज रहे हैं। गांव की विधवाओं ने रक्षा बंधन पर राजधानी दिल्ली में पीएम मोदी के आवास पर उनसे मिलकर उन्हें राखी बांधने की इच्छा जाहिर की है।
गांव की 15-वर्षीय रेखा रानी ने कहा, ‘मैंने तीन दिन में ट्रंप भैया के लिए 150 राखियां बनाई। मैंने व्हाइट हाउस भेजने के लिए पत्र भी लिखा, जिसमें लिखा है कि आपके गांव की लड़कियां चाहती हैं कि आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यहां यात्रा करें।’