दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में सुनकर आप चौंक जाएंगे या मुस्कुराने लगेंगे। दिल्ली सरकार ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम बनाने का फैसला किया था, लेकिन अब उसके गठन की फ़ाइल ही गुम हो गई है।
दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने इस बारे में एक सर्कुलर भी जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ‘1984 के दंगों को लेकर SIT गठन वाली फाइल 16 मार्च, 2015 को तत्कालीन गृह मंत्री (जीतेंद्र तोमर) को भेजी गई थी, उसके बाद से नहीं मिल रही, इसलिए सभी विभागों से निवेदन है कि अगर आपके यहां मिले, तो गृह विभाग को भेजें।’
इस बारे में जब दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि ‘इसके बारे में अभी जानकारी नहीं है। बाद में बताऊंगा’। लेकिन सरकार के सूत्र बता रहे हैं कि फाइल गुमने से केस पर कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि केजरीवाल सरकार ने अपनी पिछली सरकार में जो SIT बनाई थी, वो काम शुरू ही नहीं कर पाई और इस बीच केंद्र ने SIT बना दी, जो 84 के सिख विरोधी दंगों की जांच कर रही है। इसलिए इस सरकार की SIT संबंधित फाइल गुम होने से केस पर फर्क नहीं पड़ेगा।
लेकिन सवाल ये है कि सरकार एक पूरा सिस्टम है और सिस्टम में फाइल खो जाना और वो भी इतने संवेदनशील मामले से जुड़ी? यह कोई छोटी या आई गई बात तो नहीं हो सकती।