लखनऊ। राजधानी में करवाचौथ की तैयारी जोरों पर है। बाजारों में रौनक है। जगह-जगह दुकानें सज गई हैं। महिलाएं किसी भी मामले में पीछे नहीं रहना चाहती हैं। शायद इसीलिए अभी से हाथों में मेहंदी सजानी शुरू कर दी है। बताते चलें कि करवाचौथ महिलाओं का सबसे अहम और मुख्य त्यौहारों में से एक है। इस बार करवा 11 अक्टूबर को है। इसके लिए बाजार गुलजार हो गए हैं। चारों ओर रौनक है। कोई मेंहंदी लगवा रहा है तो कोई पार्लर में मेकअप करवा रहा है। वहीं, करवा पूजा के लिए बाजारों में पूजा के लिए चूरा-गट्टा, खील-खिलौना, सजे हुए मिट्टी के करवा और सीकों की दुकानें सज गई हैं।
पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं रखती हैं व्रत
पति की दीर्घायु की कामना के लिए विवाहिताएं यह व्रत रखती हैं। पूरे दिन भूखी-प्यास रहकर रात को चांद के दीदार के साथ पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवाचौथ व्रत करने का विधान है। इसको लेकर महिलाओं से लेकर युवा लड़कियों में उत्सुकता देखने को मिलती है। करवाचौथ के लिए श्रृंगार का सामान जैसे चूड़ी, कंगना तो कोई करवा के साथ करवा कहानी के पोस्टर खरीद रहा है। मिट्टी का करवा जहां 20 से 40 के बीच बिक रहा है तो वहीं, चूरा 20-25 रुपए के 250 ग्राम, बताशे 50 रुपए के 250 ग्राम और गट्टा 30 रूपए प्रति पैकेट बिक रहा है।