राज्य

कलक्टर रेट से 20 फीसद तक अधिक पर जमीन खरीदेगी सरकार, बनेगा लैंड बैंक

हरियाणा सरकार राज्‍य में नई इंडस्ट्री लगाने और सीएम की घोषणाओं को पूरा करने के लिए लैंड बैंक बनाएगी। इसके लिए सरकार जमीन की कीमत कलक्‍टर रेट से 20 फीसदी अधिक दाम देगी।

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हरियाणा में नई इंडस्ट्री लगाने और मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पूरा करने में जमीन की कमी आड़े आ रही है। जमीन अधिग्रहीत करने के लिए सरकार मुंह मांगी कीमतें नहीं देना चाहती और किसान कम दामों पर जमीन बेचने को राजी नहीं हैैं। ऐसे में सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए खुद का लैैंड बैैंक (भूमि बैैंक) बनाने का निर्णय किया है। इसके लिए जमीन कीे कीमत कलक्टी रेट से 20 फीसदी अधिक दाम दिया जाएगा।

नई इंडस्ट्री लगाने और सीएम घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने को सरकार ने खोजा बीच का रास्ता
मनोहर सरकार विभिन्न परियोजनाओं को सिरे चढ़ाने और नई इंडस्ट्री लगाने के लिए भू-स्वामियों से सीधे जमीन खरीदेगी। यह जमीन जहां भी होगी, वहां के कलक्टर रेट पर 20 फीसदी तक अधिक दाम दिया जाएगा।

एचएसआइआइडीसी को लैैंड बैैंक बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है और जमीन की वैल्यू के हिसाब से उसके दाम तय होंगे। प्राइम लोकेशन की जमीन के अधिकतम 20 फीसदी तक दाम बढ़ाए जा सकते हैं। प्रदेश सरकार के पास हालांकि कुछ जमीनें उपलब्ध हैैं, लेकिन वे अलग-अलग जगह बिखरी हुई हैैं।

खरखौदा और बावल दो जगह ऐसी हैैं, जहां करीब तीन हजार एकड़ जमीनें उपलब्ध हैैं। बाकी जगह जमीनों की उपलब्धता संतोषजनक नहीं है। नए उद्योगपति राज्य में निवेश से पहले प्राइम लोकेशन पर जमीन की मांग करते हैैं। पॉकेट में जमीनें नहीं होने के कारण नई इंडस्ट्री चाहकर भी यहां निवेश नहीं कर पा रही।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उद्योग मंत्री विपुल गोयल के बीच इस समस्या पर पिछले दिनों चर्चा हुई है। सरकार का मानना है कि खुद का लैैंड बैैंक होने के समस्या काफी हद तक हल हो सकती है। मुख्यमंत्री ने सवा दो साल में करीब साढ़े तीन हजार घोषणाएं की हैैं, जिनमें से डेढ़ हजार पर ही काम पूरा हो पाया अथवा चल रहा है।

कैबिनेट में लाया जाएगा प्रस्ताव

प्रदेश में लैैंड बैैंक बनाने और कलक्टर रेट से 20 फीसदी अधिक तक जमीनें खरीदने का प्रस्ताव जल्द तैयार होगा। उद्योग मंत्री विपुल गोयल और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मंजूरी के बाद इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगवाई जाएगी। यह प्रस्ताव अगली कैबिनेट की बैठक में लाया जा सकता है।

जमीन अधिग्रहण कानून में भी बदलाव

प्रदेश सरकार पिछली हुड्डा सरकार का जमीन अधिग्रहण कानून भी बदलने जा रही है। मौजूदा कानून के चलते किसानों को चार गुणा रेट देने का प्रावधान है, जिसे वहन करने को सरकार बिल्कुल भी तैयार नहीं है। वित्त एवं राजस्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु विभागीय अधिकारियों के साथ इस पर मंथन कर रहे हैैं।

एक बैठक हो भी चुकी है। दूसरे राज्यों के जमीन अधिग्रहण कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है। खासतौर से गुजरात के कानून का आकलन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैैं। कानून में संशोधन तक सरकार का पूरा जोर लैैंड बैैंक बढ़ाने पर रहेगा।

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