कल फिर लगेगा विपक्षी नेताओं का जमावड़ा, राहुल ने लिखा ममता को खत
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को कोलकाता में एक रैली का आयोजन कर रही हैं। साल की शुरुआत में विपक्ष का अपनी ताकत दिखाने का यह पहला मौका होगा। भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में हराने के लिए पूरे विपक्ष की इस रैली में साथ आने की उम्मीद है। साथ ही रणनीति बनाई जाएगी जिससे कि भाजपा को जीतने से रोका जा सके।
इस रैली में शामिल होने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जद(एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी आज कोलकाता के लिए रवाना हो चुके हैं। डीएमके मुखिया एमके स्टालिन ने रैली में जाने की पुष्टि की है। मायावती के प्रतिनिधि के तौर पर सतीश मिश्रा इस रैली का हिस्सा बनेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी रैली में हिस्सा नहीं लेंगे लेकिन उनकी तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल होंगे।
इसी बीच राहुल गांधी ने ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर अपना समर्थन देने की बात कही है। पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा है, ‘पूरा विपक्ष एकजुट है। मैं ममता दी को इस रैली के लिए अपना समर्थन देता हूं और आशा करता हूं कि हम एकजुट भारत का शक्तिशाली सन्देश देंगे।’ उन्होंने यह भी कहा कि पूरा विपक्ष इस विश्वास के प्रति एकजुट है कि सच्चे राष्ट्रवाद और विकास की रक्षा लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता जैसे उन मूल्यों के आधार पर करनी है जिनको नरेंद्र मोदी सरकार नष्ट कर रही है।
ममता को लिखे पत्र में गांधी ने कहा, ‘हम बंगाल के लोगों की सराहना करते हैं जो ऐतिहासिक रूप से हमारे इन मूल्यों की रक्षा करने में आगे रहे हैं।’ वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रैली लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिये ‘मृत्यु-नाद’ की मुनादी होगी। भगवा पार्टी के ‘कुशासन’ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का संकल्प जताने के लिये कोलकाता के प्रतिष्ठित ब्रिगेड परेड मैदान में शनिवार को होने वाली इस रैली में 20 से अधिक विपक्षी दलों के शिरकत करने की संभावना है।
तृणमूल को उम्मीद है कि इस रैली से ममता ऐसे नेता के तौर कर उभरकर सामने आयेंगी जो ‘अन्य दलों को साथ लेकर’ चल सकती हैं और आम चुनावों के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती दे सकती हैं। विशाल विपक्षी रैली का आयोजन बनर्जी की सोच का नतीजा है। उन्होंने गुरुवार को कहा था कि लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियां निर्णायक कारक साबित होंगी। उन्होंने कहा, ‘भाजपा के कुशासन के खिलाफ यह ‘संयुक्त भारत रैली’ होगी।’
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अजित सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी भी तृणमूल प्रमुख के साथ मंच साझा करते दिखेंगे। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जेगांग अपांग भी इस रैली में शामिल होंगे। जेगांग ने मंगलवार को ही भाजपा छोड़ा।