अन्तर्राष्ट्रीय

कल होगा पाकिस्तान के भविष्य का फैसला, हो सकता है ब्लैकलिस्ट

फ्रांस की राजधानी पेरिस में सोमवार को होने वाली एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान के भविष्य पर फैसला होना है। एफएटीएफ की इकाई एशिया पैसिफिक ग्रुप की रिपोर्ट में पाकिस्तान आतंकी फंडिंग को रोकने में विफल साबित हुआ है। बताया जा रहा है कि बैठक में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। पाकिस्तान को पिछले साल जून में पेरिस में हुई एफएटीएफ की बैठक में ग्रे सूची में रखा गया था और चेतावनी दी गई थी कि अक्तूबर 2019 तक वह आतंकी फंडिंग रोकने की कार्रवाई को अंजाम दे। कहा यह भी जा रहा है कि पाकिस्तान को ईरान और उत्तर कोरिया के साथ ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।

इस बैठक में इस बात का निर्धारण हो जाएगा कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बना रहेगा या उसे ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। हालांकि, चीन अपने सदाबहार दोस्त को ब्लैकलिस्ट होने से बचाने की पूरी कोशिश करेगा।

पाकिस्तानी समाचारपत्र द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक मामलों के विभाग के प्रमुख हम्माद अजहर के नेतृत्व में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल 13 अक्टूबर यानी आज फ्रांस के लिए रवाना होने वाला है, क्योंकि एफएटीएफ 14 और 15 अक्तूबर को पाकिस्तान के मुद्दे पर विचार करेगा।

डॉन के अनुसार, पाकिस्तानी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SECP) द्वारा अंतिम रूप दी गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोग द्वारा जारी व्यापक दिशानिर्देशों के आधार पर वित्तीय संस्थानों को एक वर्ष में 219 संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट मिली है। जबकि पिछले आठ सालों में पाकिस्तान में कुल 13 ऐसे मामले दर्ज थे।

क्या है एफएटीएफ, जो आतंकी फंडिंग मामले में पाक को करेगा ब्लैकलिस्ट
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसे फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी7 समूह के देशों द्वारा 1989 में स्थापित किया गया था। इसका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग), सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगाह रखना है।

इसके अलावा एफएटीएफ वित्त विषय पर कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा भी देता है। एफएटीएफ का निर्णय लेने वाला निकाय को एफएटीएफ प्लेनरी कहा जाता है। इसकी बैठक एक साल में तीन बार आयोजित की जाती है।

क्या करता है एफएटीएफ
एफएटीएफ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को दुरुपयोग से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर की कमजोरियों की पहचान करने के लिए काम करता है। अक्टूबर 2001 में एफएटीएफ ने धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के अलावा आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के प्रयासों को शामिल किया। जबकि अप्रैल 2012 में इनकी कार्यसूची में सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के वित्तपोषण का मुकाबला करने के प्रयासों को जोड़ा गया।

एफएटीएफ अपने द्वारा दी गई सिफारिशों को लागू करने में देशों की प्रगति की निगरानी करता है। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण की तकनीकों को खत्म करने की उपायों की समीक्षा करता है। इसके साथ ही एफएटीएफ विश्व स्तर पर अपनी सिफारिशों को अपनाने और लागू करने को बढ़ावा देता है।

एफएटीएफ के सदस्य और पर्यवेक्षक, क्या पाकिस्तान इसका सदस्य है…
वर्तमान में एफएटीएफ के कुल 39 सदस्य हैं। जिसमें 37 सदस्य देश और 2 क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं, जो दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में सबसे प्रमुख वित्तीय केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान इस संगठन का सद्स्य नहीं है।
अर्जेंटीना
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रिया
बेल्जियम
ब्राजील
कनाडा
चीन
डेनमार्क
यूरोपीय यूनियन
फिनलैंड
फ्रांस
जर्मनी
ग्रीस
गल्फ़ कोऑपरेशन काउंसिल
हांगकांग, चीन
आइसलैंड
भारत
आयरलैंड
इजराइल
इटली
जापान
कोरिया गणराज्य
लक्समबर्ग
मलेशिया
मेक्सिको
नीदरलैंड, का राज्य
न्यूजीलैंड
नॉर्वे
पुर्तगाल
रूसी संघ
सऊदी अरब
सिंगापुर
दक्षिण अफ्रीका
स्पेन
स्वीडन
स्विट्जरलैंड
तुर्की
यूनाइटेड किंगडम
अमेरिका
एफएटीएफ पर्यवेक्षक
इंडोनेशिया
एफएटीएफ का कब सदस्य बना भारत
एफएटीएफ प्लेनरी ने 24 जून 2010 को भारत में पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट को अपनाया और 25 जून 2010 को एफएटीएफ के 34वें सदस्य देश के रूप में भारत को शामिल किया।
एफएटीएफ के अध्यक्ष
वर्तमान में एफएटीएफ के अध्यक्ष पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के जियांगमिन लियू हैं जिन्होंने 1 जुलाई 2019 को अपना कार्यभार ग्रहण किया है। उन्होंने अमेरिका के मार्शल बिलिंगस्ले का स्थान लिया है। भारत से अब तक कोई भी इस संगठन का अध्यक्ष नहीं बन पाया है।

एफएटीएफ के अध्यक्ष की नियुक्ति एक साल के लिए होती है। जिसे सदस्य देशों में से एफएटीएफ प्लेनरी द्वारा नियुक्त किया जाता है। अध्यक्ष का कार्यकाल एक जुलाई से शुरू होता है और अगले वर्ष के 30 जून को समाप्त होता है। अध्यक का काम एफएटीएफ प्लेनरी और स्टीयरिंग ग्रुप की बैठकों का आयोजन और अध्यक्षता करना होता है। इसके अलावा वह एफएटीएफ सचिवालय की देखरेख भी करते हैं।

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