फीचर्ड

कश्मीर में BSF ने संभाला मोर्चा, घाटी में अशांति का माहौल

Indian security personnel stand next to the body of a suspected militant after an attack at the Jammu-Srinagar national highway near Udhampur, August 5, 2015. REUTERS/Stringer

श्रीनगर :कश्मीर के हालातों में सुधार नहीं हो रहा है। हालांकि शांति बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है बावजूद इसक हालात काबू में नहीं आ रहे है। कश्मीर समेत अन्य कई क्षेत्रों के लोग अभी भी कर्फ्यू के साये में है। इधर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से बीएसएफ की तैनाती कश्मीर में कर दी गई है। बीएसएफ के जवान करीब 11 वर्षों बाद एक बार फिर से कश्मीर में मोर्चा संभालेंगे।

गौरतलब है कि इसके पूर्व बीएसएफ को हटाकर घाटी में सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई थी, लेकिन जिस तरह से हालात वहां बने हुये है, उसके चलते बीएसएफ को तैनात करने का निर्णय केन्द्र सरकार द्वारा लिया गया है। बताया गया है कि सरकार ने अभी बल के लगभग 2600 जवानों को मोर्चा संभालने के लिये भेज दिया है।

आक्रामक और क्रुर बल है!

बताया जाता है कि जम्मू कश्मीर के लोग पहले से ही बीएसएफ की तैनाती का विरोध करते आये है। इन लोगों की नजरों में सीमा सुरक्षा बल की छबि आक्रामक और क्रुर बल की तरह है। शायद यही कारण रहा कि ग्यारह वर्षों पूर्व सीमा सुरक्षा बल को हटाकर घाटी में सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई थी। हालांकि 1990 के दौरान आतंकवादी गतिविधियों पर काबू करने के उद्देश्य से सीमा सुरक्षा बल को तैनात किया गया था, लेकिन बाद में वर्ष 2005 के दौरान बल का स्थान सीआरपीएफ ने ले लिया था। अब पुनः एक बार फिर कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल के हाथों में सुरक्षा की कमान होगी। बताया जाता है कि वर्तमान हालातों को सीआरपीएफ काबू में नहीं कर पा रही है और संभवतः इसी के चलते ही केन्द्र सरकार ने घाटी में शांति बहाली के उद्देश्य से सीमा सुरक्षा बल को भेजने का निर्णय लिया है।

30 कंपनियां और आएंगी अभी

केन्द्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि अभी भले ही कश्मीर में 2600 जवानों की तैनाती की गई है लेकिन जल्द ही वहां सीमा सुरक्षा बल की 30 ओर कंपनियां भेजी जायेगी। ये वे कंपनियां है, जिन्हें अमरनाथ यात्रा के लिये ड्यूटी पर तैनात किया गया था और इन्हें यहां की ड्यूटी से हटाये जाने के बाद घाटी में भेज दिया जायेगा।

जारी है प्रदर्शन घाटी में

आतंकवादी बुरहानी वानी को मौत के घाट उतारे जाने के बाद कश्मीर सहित कई स्थानों पर कर्फ्यू लगा हुआ है, बावजूद इसके अलगावादी नेताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन और बंद करने का सिलसिला जारी है। खबरों के अनुसार अलगाववादियों ने विरोध प्रदर्शन 25 अगस्त तक करने का ऐलान किया है।

कश्मीर में हिंसा, सुरक्षा बलों को मूक दर्शक बनने के निर्देश

Related Articles

Back to top button