हैदराबा द । राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भारत के अनुभवी बैडमिंटन खिलाड़ी पारूपल्ली कश्यप की नजरें अब आगामी विश्व चौम्पियनशिप और एशियाई खेलों में पदक जीतने पर है। ग्लास्गो से कल स्वदेश लौटे कश्यप ने कहा,‘‘ मैने हमेशा अल्पकालीन लक्ष्य तय किये हैं। फिलहाल विश्व चौम्पियनशिप और एशियाई खेलों पर नजर है। मुझे इन दोनों टूर्नामेंटों के लिये फिट रहना है।’’ पिछले 32 साल में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय पुरूष बैडमिंटन खिलाड़ी बने कश्यप ने अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया। उनसे पहले प्रकाश पादुकोण (1978) और दिवंगत सैयद मोदी (1982) यह कारनामा कर चुके हैं। यह पूछने पर कि यह पदक उनके लिये क्या मायने रखता है, कश्यप ने कहा, ‘‘ यह मेरे लिये सब कुछ है। यह बड़ी उपलब्धि है और मैं बहुत खुश हूं।’’ भारत का शीर्ष खिलाड़ी होने के कारण उन पर काफी दबाव है लेकिन कश्यप ने कहा कि उन्होंने हमेशा दबाव में अच्छा प्रदर्शन किया है और 25 अगस्त से कोपेनहेगन में शुरू हो रही विश्व चौम्पियनशिप में उन्हें अच्छा खेलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैने दबाव के बारे में सोचा नहीं है। मुझे पदक जीतने की खुशी है। मैं विश्व चौम्पियनशिप की तैयारी करूंगा और मैने दबाव में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है। यदि दबाव महसूस होगा तो यह मेरे लिये सकारात्मक होगा।’’