अजब-गजब
कहीं खोती जा रही है ‘नाक में उंगली’ डालने की मशहूर भारतीय कला
पहले जब लोग खाली बैठते थे तो नाक में उंगली डाले हुए रखते थे। कुछ काम नहीं है तो नाक में उंगली डाल कर लगे गंदगी निकालने। भारतीय लोगों में ये कला कूट-कूट कर भरी हुई है। लेकिन अब यही मशहूर भारतीय कला विलुप्त होती जा रही है और इसकी जगह इंटरनेट ने ले ली है।
अब जब लोग खाली बैठते हैं तो मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगते हैं। जब से इंटरनेट ने हर घर दस्तक दी है, इसने लोगों से उनकी आजादी ही छीन ली है। क्या बच्चे-क्या बूढ़े, जब देखो तब सब मोबाइल में ही लगे रहते हैं। पहले लोगों के क्या मजे थे। दोस्तों के साथ बैठे, बात कर रहे हैं और नाक में ऊंगली घुसेड़कर गंदगी निकाले जा रहे हैं। और सिर्फ यहीं नहीं रूकते, उस गंदगी को निकालकर देखते भी हैं कि कितना बड़ा गोला निकाला है।
ये एक तरह से आदत में शुमार हो गया था। इसके लिए दोस्त तो सुनाते ही थे, मम्मी-पापा से भी खूब डांट पड़ती थी, लेकिन फिर भी खाली बैठे तो उसी काम में लग जाते थे। सिर्फ भारत ही नहीं, विदेशों में भी ये कला पहले खूब मशहूर थी। वैसे नाक में उंगली घुसेड़ने वाले कुछ जानकार बताते हैं कि इसके कई फायदे भी हैं। कनाडा के एक प्रोफेसर ने इसपर एक रिसर्च किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि इसका एक बहुत बड़ा फायदा होता है।
प्रोफेसर ने अपने रिसर्च में कहा था कि नाक में उंगली डालना और फिर हाथों को साफ ना करके खाना खा लेने से सेहत अच्छी बनी रहती है। उनके मुताबिक, नाक साफ करने के बाद उससे निकलने वाले बूगर को खाने से सेहत को अनेक फायदे मिलते हैं। यह हमारे शरीर से खतरनाक जर्मस के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती मिलती है। हालांकि यह सिर्फ उनके मुताबिक है।
अब तो शायद ही कोई ऐसा बचा हो, जो इस कला का बखूबी इस्तेमाल करता हो। अगर ऐसा ही हाल रहा तो ये कला तो जल्दी ही भारतीय संस्कृति से विलुप्त हो जाएगी। फिर आने वाली पीढ़ियां तो बस इतिहास में ही पढ़ा करेंगी कि ऐसी भी कोई कला भारतीयों में मशहूर थी।