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गांधीनगर। गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रदेश संगठन और शहर-जिलाध्यक्षों की नियुक्ति और बदलाव के बाद प्रदेशाध्यक्ष भरत सिंहसोलंकी के पर काटते हुए चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। इस तरह के आश्चर्यजनक फेरफार के पीछे उनकी कार्यप्रणाली को लेकर दिल्ली के नेताओं से शिकायत की गई थी। इन्हीं शिकायतों के चलते चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है।
कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सौराष्ट्र-कच्छ इलाका काफी विस्तृत होने के कारण परेश धानाणी, कुंवरजी बावडिया की नियुक्ति की गई है। इन दोनों नेताओं की आंतरिक समझ से जिलों का विभाजन किया जाएगा। दक्षिण गुजरात में पूर्व केबिनेट मंत्री और सांसद तुषार चौधरी की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा उत्तर गुजरात में राज्य के पूर्व मंत्री करसनदास सोनेरी की नियुक्ति की गई है। इस परिवर्तन की योजना दिल्ली में काफी समय पहले ही बन गई थी।
प्रदेश अध्यक्ष होने के बाद भी उनके साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति के पीछे एक कारण यह है कि सोलंकी जिला स्तर पर दौरा कम ही कर पाते थे। इसके अलावा उनकी कार्यप्रणाली से प्रदेश स्तर के नेता भी नाराज थे। इन तमाम बातों को लेकर दिल्ली के कांग्रेसी नेताओं को आगाह किया गया था। इसी कारण यह परिवर्तन किया गया।
कांग्रेस ने 32 सदस्यों की प्रदेश इलेक्शन कमेटी बनाई
कांग्रेस संगठन में नियुक्ति के बाद प्रत्याशी तय करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी के स्थान पर प्रदेश इलेक्शन कमेटी की रचना की है। इसमें अहमद पटेल के साथ 7 नेताओं, फ्रंटल आर्गेनाइजेशन के चार, आमंत्रितों में से 9 सदस्यों को मिलाकर कुल 32 सदस्यों का समावेश किया गया है। कमेटी में प्रदेश स्तर के नेताओं में से मोहन सिंह राठवा, अर्जुन मोढवाडिया, सिद्धार्थ पटेल, शक्तिसिंह गोहिल, नरेश रावल, डॉ. तुषार चौधरी, डॉ.चंद्रिका बेन चूडासमा, कादिर पीरजादा, राजू परमार, जगदीश ठाकोर, शैलेष परमार का समावेश किया है।