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कांग्रेस के सम्मेलन में छुआछूत के खिलाफ उठी आवाज

virbhadra-singh-5632f5a0789b6_exlदस्तक टाइम्स/एजेंसी- हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस के सम्मेलन में छुआछूत के खिलाफ आवाज उठी। वरिष्ठ नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ताओं तक में हिमाचल में मंदिरों में प्रवेश पर निषेध होने की टीस नजर आई। सभी का कहना था कि इसका जड़ से उन्मूलन जरूरी है। कांग्र्रेस नेताओं के. राजू और कुमारी शैलजा ने अनुसूचित जाति सब प्लान बनाने का भी हिमाचल सरकार से अनुरोध किया।

वीरवार को राजीव भवन शिमला में डा. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग का एक दिवसीय राज्यस्तरीय अधिवेशन आयोजित किया। अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सुक्खू ने की। इसमें मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह मुख्य अतिथि थे।

अखिल भारतीय कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन के. राजू, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं सह प्रभारी हिमाचल कांग्रेस राजा रामपाल सिंह, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स, सांसद कुमारी शैलजा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. कर्नल धनीराम शांडिल, अनुसूचित जाति विभाग अध्यक्ष सुरेश कुमार संयोजक राजेंद्र मोहन के अलावा गंगूराम मुसाफिर, गीता नेगी, बीरू राम, हरभजन भज्जी, विनोद सुल्तानपूरी, अमित नंदा, मनसाराम, नंदलाल, मोहन लाल ब्राक्टा, विक्रमादित्य सिंह आदि मौजूद रहे। एक दिवसीय राज्यस्तरीय समारोह में पूरे प्रदेश से अनुसूचित जाति विभाग से संबंधित ब्लॉक, जिला, प्रदेश से लगभग 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इससे पूर्व अखिल भारतीय कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष के. राजू ने कहा कि देश में भाजपा समाज में जात-पात के नाम पर खाई पैदा करने की कोशिश कर रही है। कहा कि बाबा भीम राव अंबेडकर ने संविधान में अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण का जो प्रावधान किया था, उसे भाजपा खत्म करना चाहती है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव राजा रामपाल सिंह ने कहा कि उन्हें डा. भीमराव अंबेडकर को सिर्फ मानना ही नहीं है, बल्कि उनकी ओर से दिखाए गए मार्ग पर चलना है और मानना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का झूठा प्रधानमंत्री साबित हुए हैं।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि दलित या अनुसूचित जाति जैसे जातिसूचक शब्दों का समाज से उन्मूलन करना चाहिए। कहा कि इस तरह के शब्दों के प्रयोग करने से समाज में भेदभाव बढ़ता है और इसके बजाय सामाजिक तौर पर पिछड़ा वर्ग जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान के निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर ने भी जातिवाद और छुआछूत को समाज से खत्म करने की वकालत की थी।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि जब वे कॉलेज में पढ़ते थे तो उन्हें भी विजिटर्स गैलरी से डा. भीमराम अंबेडकर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वे जो कुछ भी कहते थे तर्क के साथ कहते थे। सीएम ने कहा कि जैसे-जैसे प्रदेश में शिक्षा बढ़ रही है, लोग रूढ़िवादिता से मुक्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लोग जाति-पाति भूल जाएंगे।

 
 

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