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कांग्रेस पार्टी में घुट रहा नेताओं का दम : अमित शाह

नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया है। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में नेताओं को बोलने की आजादी नहीं हैं, इसलिए उनका पार्टी में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। शाह ने कांग्रेस द्वारा अपने प्रवक्ता को ‘बिना सोचे समझे बर्खास्त करने’ के मुद्दा उठाते हुए कहा कि विपक्षी दल के नेता ‘घुटन’ महसूस कर रहे हैं। भाजपा नेता ने अपनी बात की पुष्टि करने के लिए हालिया कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक का उल्लेख किया, जिसमें वरिष्ठ सदस्यों और छोटे सदस्यों ने कुछ मुद्दे उठाए, लेकिन उन्‍हें शांत करा दिया गया। अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस में छोटे सदस्‍यों को तो छोड़ों वरिष्‍ठ नेताओं की बात भी नहीं सुनी जा रही है। इसके साथ ही उन्‍होंने ट्वीट में एक अंग्रेजी अखबर की खबर का लिंक शेयर किया जिसका शीर्षक है- कांग्रेस ने आलोचनात्मक लेख के बाद संजय झा को पार्टी प्रवक्ता पद से हटा दिया।

अमित शाह ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी का जिक्र करते हुए कहा, ‘हाल ही में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में सदस्यों ने कुछ मुद्दों को उठाया, लेकिन चिल्लाकर उनकी आवाज को दबा दिया गया। पार्टी के एक प्रवक्ता को बिना सोचे समझे बर्खास्त कर दिया गया। दुखद सच्चाई यह है कि कांग्रेस में नेता घुटन महसूस कर रहे हैं।’ वहीं आपातकाल का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि लाखों लोगों के प्रयासों के कारण आपातकाल हटा लिया गया था। भारत में लोकतंत्र बहाल हो गया था, लेकिन कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया।

एक परिवार के हित पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी थे। वहीं, एक अन्‍य ट्वीट में अमित शाह ने लिखा- भारत के मुख्‍य विपक्षी दलों में से एक के रूप में कांग्रेस को खुद से पूछने की जरूरत है—
आपातकाल जैसी विचारधारा अभी भी क्यों पार्टी में है?
ऐसे नेता जो एक वंश के नहीं हैं, बोलने में असमर्थ क्यों हैं?
कांग्रेस में नेता क्यों निराश हो रहे हैं?

इसके अलावा, लोगों के साथ उनका संबंध बहुत कम क्‍या हो गया है। उल्‍लेखनीय है कि कि 25 जून 1975 से लगभग 21 महीने के लिए देश में आपातकाल लगाया गया था।

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